उत्तराखंड नैनीतालamerican girl wedding in uttarakhand

देवभूमि का दूल्हा, अमेरिका की दुल्हन...पहाड़ी रीति-रिवाज से लिए सात फेरे

उत्तराखंड की संस्कृति की तरफ किस तरह से विदेश से भी लोग खिंचे चले आ रहे हैं, इसका एक नज़ारा रामनगर में देखने को मिला।

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Image: american girl wedding in uttarakhand (Source: Social Media)

नैनीताल: उत्तराखंड की संस्कृति और रीति-रिवाजों से हर किसी को बेहद प्यार है। दरअसल यहां की संस्कृति अपने आप में बेहद अनोखी है। उत्तराखंड के लोग भले ही उत्तराखंड को छोड़कर शहरों में बस गए हों लेकिन विदेश के लोग यहां की संस्कृति और रीति-रिवाजों से बेहद प्यार करते हैं। अब जब उत्तराखंड में सात समुंदर पार से जैनी हैमिल्टन पहाड़ी रीति-रिवाज़ से शादी करने आई तो हर कोई बस देखता रह गया। जी हां दुनिया की चकाचौंध को छोड़कर पहाड़ की परंपराओं को साथ लेकर जैनी हैमिल्टन ने रचित लोहनी संग शादी की। नैनीताल के रामनगर के एक होटल में मंगलवार को अमेरिका की जैनी और हल्द्वानी के रचित लोहनी ने सात फेरे लिए। जैनी के परिजन देवभूमि के रीति-रिवाजों से इस कदर प्रभावित हुए कि दुल्हन के साथ-साथ उनकी मां तक ने कुमाऊं के पारंपरिक परिधान पहन लिए।

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आपको बता दें कि रचिन लोहनी हल्द्वानी निवासी उमेश चंद्र लोहनी का बेटा है। रचित अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। अमेरिका में ही रचित की मुलाकात थॉमस हैमिलटन की बेटी जैनी हैमिलटन से हुई। इसके बाद दनों में दोस्ती हो गई और ये दोस्ती कब प्यार में बदली, पता ही नहीं चला आखिरकार दोनों ने एक दूसरे के साथ शादी करने का फैसला लिया। जैनी और रचित ने पहले अमेरिका में शादी की। इसके बाद रचित जैनी को लेकर उत्तराखंड आए। यहां जैनी अपने परिवार के 12 सदस्यों के साथ पहुंची थी। इसके बाद पहाड़ी के रीति-रिवाजों के साथ दोनों की शादी रामनगर के एक रिजॉर्ट में हुई। जैनी और उसका परिवार कुमाऊंनी रीति रिवाजों से बेहद प्रभावित हुए हैं।

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आपको बता दें कि अब विदेश के लोग पहाड़ में आकर यहां की परंपराओं को अपना रहे हैं और यहां शादी भी कर रहे हैं। कुछ दिन पहले ही इटली के एक युवा जोड़े ने भी उत्तरकाशी आकर देवभूमि की परंपराओं को अपनाते हुए शादी की थी। आधुनिक चकाचौंध को छोड़कर यहां वैदिक परंपराओं से विवाह किया गया था। उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक के गणेशपुर आश्रम में पहाड़ की समृद्ध संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिला। आज वक्त ऐसा आ गया है कि पहाड़ क लोग शहर की चकाचौंध देखकर शहर के हो जा रहे हैं और शहरों-महानगरों के लोग पहाड़ की अनूठी परंपरा से प्रभावित होकर यहां शादी-विवाह जैसे काम कर रहे हैं। या यूं कहें कि पहाड़ की परंपरा को ये लोग भी जीवित रखे हुए हैं।