उत्तराखंड देहरादूनwedding of dehradun boy sumit

देहरादून में हुई अनोखी शादी...न कॉकटेल, न दहेज...बारातियों ने किया रक्तदान

देहरादून के सुमित की शादी में ना कॉकटेल थी, ना कानफोड़ू बैंड-बाजा...दूल्हे के साथ-साथ शादी में आए बारातियों ने भी ब्लड डोनेट कर एक नई पहल की शुरुआत की।

उत्तराखंड: wedding of dehradun boy sumit
Image: wedding of dehradun boy sumit (Source: Social Media)

देहरादून: कहते हैं कि अगर समाज को बदलना चाहते हो, तो शुरुआत खुद से करो....दून के रहने वाले सुमित भी कुछ ऐसा ही सोचते हैं और हाल ही में अपनी शादी को हट के बनाने के लिए उन्होंने कुछ ऐसा किया कि ये अनोखी शादी दून में चर्चा का विषय बन गई। ये शायद ऐसी पहली शादी होगी, जिसमें दूल्हे ने जीवनसंगिनी संग सात फेरे लेने से पहले रक्तदान कर लोगों की जिंदगी बचाने का संकल्प लिया। इस शादी नें ना तो जाम से जाम टकराए गए और ना ही बैंड-बाजे का शोर शराबा था। दूल्हे सुमित ने जैसा कहा था वैसा ही किया भी...उन्होंने घोड़ी चढ़ने से पहले रक्तदान किया। बारातियों ने भी उनकी इस पहल में साथ दिया और इस तरह शादी में 167 यूनिट ब्लड डोनेट हुआ। शनिवार को चंद्रबनी चोइला में युवा समाजसेवी सुमित की शादी थी।

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शादी के मौके पर ग्लेक्शियन इंटरनेशनल स्कूल में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। सेहरा पहनने की रस्म पूरी करने के बाद दूल्हा सुमित खुद ब्लड डोनेशन कैंप में पहुंचे और ब्लड डोनेट किया। बता दें कि इससे पहले सुमित की शादी का कार्ड भी दून में खूब सुर्खियां बटोर चुका है। उन्होंने अपनी शादी के कार्ड में लोगों से मतदान, अंगदान और रक्तदान करने की अपील की थी। यही नहीं शादी के पंडाल में भी लोगों को ‘भोजन उतना लो थाली में, व्यर्थ न जाए नाली में’, ‘रक्तदान महादान’, ‘बेटी बचाओ’, ‘शिक्षा सबका अधिकार’, ‘दहेज अभिशाप’, ‘पर्यावरण बचाओ’, ‘बेटी नहीं तो बेटा नहीं’ जैसे संदेश वाले बोर्ड-बैनर लगे मिले। आपको बता दें कि समाजसेवी सुमित अमूल्य जीवन चेरिटेबल सोसायटी के जरिए ‘निशुल्क रोटी बैंक और दवा बैंक’ का संचालन करते हैं।

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सुमित की संस्था ब्लड डोनेशन कैंप भी ऑर्गनाइज करती है, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके। सुमित कहते हैं कि किसी भी समारोह और उत्सव का उद्देश्य ये होना चाहिए कि हम जरुरतमंदों की मदद कर सकें...उन्होंने भी अपनी तरफ से प्रयास शुरू किया है, दूसरे लोगों को भी जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। सुमित ने जो किया है वो वाकई काबिले तारीफ है। दूसरे लोगों को भी उनसे सीख लेनी चाहिए। पहाड़ के दूसरे युवा भी अगर उनसे प्रेरणा लेकर समाज के लिए कुछ करें तो पहाड़ की दशा और दिशा बदलते देर नहीं लगेगी।सुमित किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, समाजसेवा करने के लिए उन्होंने 23 साल की उम्र में लाखों का पैकेज छोड़ दिया था। वो कई सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय हैं। वास्तव में लोग अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए क्या कुछ नहीं करते...और ऐसा हो भी क्यों ना...शादी जिंदगी में एक बार ही तो होती है। दून के सुमित ने भी अपनी शादी को यादगार और अनोखा बनाया है।