उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालsurendra singh negi don from uttarakhand

पहाड़ का लड़का आखिर कैसे बन गया इतना बड़ा डॉन? इससे कांपने लगे थे लोग

सुरेन्द्र सिंह नेगी उर्फ सूरी...अपराध की गलियों में ये नाम कुख्यात है। जानिए वो कैसे इतना बड़ा डॉन बन गया।

उत्तराखंड: surendra singh negi don from uttarakhand
Image: surendra singh negi don from uttarakhand (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: शुरुआत करते हैं कोटद्वार के बहुचर्चित वकील सुशील रघुवंशी हत्याकांड से। बीते रोज ही पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा किया। कोटद्वार के प्रापर्टी डीलर विनोद कुमार गर्ग उर्फ विनोद लाला, उसके साथी सर्वेश्वर उर्फ डब्बू और सुरेंद्र सिंह नेगी उर्फ सूरी को उनके घरों से गिरफ्तार कर लिया है। इनमें सबसे कुख्यात और खतरनाक नाम है सुरेन्द्र सिंह नेगी। सुशील रघुवंशी हत्याकांड में सुरेन्द्र ने अपने भांजे के माध्यम से मोटरसाइकिल और पिस्टल उपलब्ध कराई थी। सुरेन्द्र कोई छोटा नाम नहीं है। पूर्व सांसद फूलन देवी हत्याकांड, कोटद्वार में प्रॉपर्टी डीलर सुमित पटवाल हत्याकांड को अंजाम देने में सुरेन्द्र का भी दिमाग लगा है। इतना जान लीजिए कि सुरेंद्र सिंह उर्फ सूरी के तार कुख्यात सुनील राठी गैंग से भी जुड़ चुके हैं। जब सुनील राठी पौड़ी जेल में बंद था तो एक गुर्गे के जरिये सुरेंद्र का सुनील राठी से संपर्क हुआ था। कहा जाता है कि उस दौरान सुनील राठी के इशारे पर सुरेंद्र कोटद्वार क्षेत्र से रंगदारी वसूलने की तैयारी मे था। आगे पढ़िए...

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पहाड़ में बसे सतपुली के गोकुल गांव का लड़का है सुरेंद्र सिंह नेगी उर्फ सूरी। पहले शायद ही कोई उसके बारे में जानता था लेकिन जब उसके तार फूलन देवी हत्याकांड से जुड़े तो वो अपराध की दुनिया में लाइमलाइट में आ गया। उस दौरान तिहाड़ जेल में रहा था और इसके बाद भी उसने अपराध की गंदी गलियां नहीं छोड़ी। कहा भी गया है कि अपराध की दुनिया एक ऐसी दुनिया है, जहां कोई अपनी मर्जी से चला तो जाता है लेकिन अपनी मर्जी से वापस नहीं आ पाता। कोटद्वार में दो साल पहले एडवोकेट सतीश रघुवंशी की हत्या हुई। हत्यारों को पकड़ने के लिए पुलिस ने कई एंगल पर फोकस किया। एसआईटी ने भी हत्यारों का पता लगाने के लिए जोर आजमाइश की लेकिन हाथ खाली थे। आखिरकार कोटद्वार से जुड़े हर अपराधी की डिटेल निकालनी शुरू की गई। यहां से जांच को नया मोड़ मिला और मामले में सुरेंद्र की गिरफ्तारी हुई।

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बताया जाता है कि सूरी कोटद्वार और नजीबाबाद जैसी जगहों में अपना एकछत्र राज चाहता था। चाहे खनन हो, चाहे शराब का व्यवसाय हो...सूरी के तार हर जगह जुड़े हैं। साल 2015 में सूरी ने प्रॉपर्टी डीलर सुमित पटवाल को बीच चौराहे पर गोलियों से भून दिया था। बताया जाता है कि कि वकील सुशील रघुवंशी की हत्या के लिए सूरी ने सुपारी ली थी। काम करने की रकम भी तय हो चुकी थी। जिस तरह से सुमित पटवाल की हत्या की गई थी, उसी तरह से सूरी ने सुशील रघुवंशी हत्याकांड को भी अंजाम दिया था। उन्हें भी उसी तरह गोलियों से भून दिया गया। सुशील रघुवंशी की हत्या के बाद कई दिनों तक कोटद्वार में आंदोलन चलता रहा। बार एसोसिएशन के बैनर तले कई दिन तक वकील न्यायिक कार्यों से विरत रहकर आंदोलन चलाते रहे। आरटीआई कार्यकर्ता आशीष किमोठी का कहना है कि मृतक की पत्नी रेखा रघुवंशी ने सड़क से लेकर कोर्ट तक अपने पति की हत्या की जांच करवाने के लिए लड़ाई लड़ी। आखिरकार सूरी गिरफ्तार हो सका।