उत्तराखंड अल्मोड़ाSTRY OF TOPPER GAURAV JOSHI UTTARAKHAND BOARD TOPPER

उत्तराखंड: मां ने स्कूल में खाना पकाकर बेटे को पढ़ाया, बेटे ने टॉपर बनकर मां का मान बढ़ाया

किसी की मां ने बच्चे को खाना पका कर पढ़ाया तो किसी पिता ने मजदूरी कर...आज ये बच्चे टॉपर बन गए हैं...

उत्तराखंड न्यूज: STRY OF TOPPER GAURAV JOSHI UTTARAKHAND BOARD TOPPER
Image: STRY OF TOPPER GAURAV JOSHI UTTARAKHAND BOARD TOPPER (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: जब टूटने लगे हौसले तो बस ये याद रखना, बिना मेहनत के हासिल तख्तो ताज नहीं होते...ढूंढ ही लेते हैं अंधेरों में मंजिल अपनी, जुगनू कभी रौशनी के मोहताज नहीं होते...ये लाइनें उत्तराखंड के उन होनहार लालों पर एकदम फिट बैठती हैं, जिन्होंने गरीबी, अभाव और संघर्ष पर जीत हासिल कर उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। किसी छात्र को पिता ने मजदूरी कर पढ़ाया तो किसी को मां स्कूलों में खाना बनाकर पढ़ा रही है, बच्चों को भी अपने माता-पिता की परेशानी का अहसास था और उन्होंने परीक्षा में टॉप कर माता-पिता की मेहनत को सम्मान दिलाया। ऐसे ही होनहार छात्र हैं अल्मोड़ा के खाटवे गांव में रहने वाले गौरव जोशी, जिन्होंने हाईस्कूल की परीक्षा में 94.20 परसेंट अंक हासिल कर प्रदेश की मैरिट में 22वां स्थान हासिल किया है। गौरव के पिता मैकेनिक हैं, जबकि मां स्कूल में भोजनमाता के तौर पर काम करती हैं। गौरव जिस स्कूल में पढ़ता है वहां टीचर्स की कमी है, पर गौरव ने मेहनत में कमी नहीं होने दी।

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मुश्किलें कितनी ही आईं पर गौरव ने उन्हें पढ़ाई पर हावी नहीं होने दिया। गौरव ने हाईस्कूल टॉप किया है तो वहीं उनकी बहन कंचना ने इंटर में 80 फीसदी अंक हासिल किए हैं। दोनों बच्चों के टॉप करने की खबर जब मां मुन्नी देवी को मिली तो उनकी आंखें छलछला गईं। पूरे क्षेत्र को इन दोनों बच्चों की उपलब्धि पर गर्व है। वो कहते हैं कि गौरव ने उनका, उनके क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है। गौरव की ही तरह ताकुला ब्लॉक में रहने वाले हर्षित ने भी हाईस्कूल की परीक्षा में 24वीं रैंक हासिल की है। उन्हें हाईस्कूल की परीक्षा में 93.80 प्रतिशत अंक मिले। हर्षित के पिता दीपचंद्र पंत भी मजदूरी करते हैं। इस बार उनके दोनों बच्चों ने हाईस्कूल की परीक्षा दी थी। हर्षित के साथ ही उनकी बहन तनुजा ने भी फर्स्ट डिवीजन से हाईस्कूल परीक्षा पास की। इन दिनों हर्षित के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। अपनी सफलता का श्रेय हर्षित ने परिजनों और टीचर्स को दिया। हर्षित भविष्य में इंजीनियर बनकर देश की सेवा करना चाहता है...राज्य समीक्षा की तरफ से पहाड़ के इन होनहार बच्चों को ढेरों बधाई।