उत्तराखंड देहरादूनwhen prakash pant wrote poem to his daughter

अपनी 'नन्ही कली' को छोड़कर चले गए प्रकाश पंत..अफसर बेटी के नाम लिखी थी ये कविता

साल 2017 में वित्त मंत्री प्रकाश पंत की बिटिया नमिता पंत आर्मी में अफसर बनीं, उन वक्त पिता प्रकाश पंत ने अपनी बेटी के लिए उपहार के तौर पर एक कविता लिखी थी...

प्रकाश पंत: when prakash pant wrote poem to his daughter
Image: when prakash pant wrote poem to his daughter (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने जिस सेवा भाव से जनता की सेवा की, पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी उतनी ही कुशलता से निभाया। 9 सितंबर 2017 का दिन प्रकाश पंत के जीवन के सबसे अहम दिनों में से एक था, यही वो दिन था जब उनकी लाडली, उनकी नन्हीं परी ने देश सेवा के लिए अपना पहला कदम बढ़ाया। इसी दिन उनकी बेटी नमिता पंत आर्मी ऑफिसर बनीं। बेटी का हौसला बढ़ाने और उसके कंधे पर सितारे सजाने के लिए प्रकाश पंत खुद चेन्नई पहुंचे थे, उनकी बेटी नमिता चाहतीं तो पिता की तरह सेवा के लिए राजनीति या फिर दूसरा कोई रास्ता चुन सकती थीं। पर उन्होंने अपने लिए संघर्षों की डगर चुनीं और देश सेवा का जज्बा लिए आर्मी ज्वाइन कर ली। उस वक्त अपनी होनहार बिटिया के लिए प्रकाश पंत ने ये कविता लिखी थी
नन्ही कली अब बड़ी हो गई
माता-पिता की आंखों का उजियाला हो गई
शिक्षित होकर जीवन में विजेता हो गई
भाई के हाथों में रक्षा सूत्र बांधने वाली बिटिया
आज देश की रक्षा के लिए तैयार हो गई
बिटिया आज माता-पिता के लिए अभिमान हो गई....

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ये लाइनें एक पिता के प्रेम से भरी हैं...प्रकाश पंत राजनीति के महारथी होने के साथ ही भावनात्मक तौर पर अपने परिवार के बेहद करीब थे। उनकी बेटी नमिता को देश सेवा की सीख परिवार से धरोहर के रूप में मिली, जिससे प्रभावित होकर उन्होंने सेना में जाने का फैसला लिया। मूल रूप से पिथौरागढ़ के खड़कोट निवासी प्रकाश पन्त की सबसे बड़ी बेटी नमिता पंत ने 2012 में एलएलबी की। इसके बाद साल 2016 में एलएलएम किया। सेना में भर्ती होने के लिए एसएसबी क्वालिफाई किया और ट्रेनिंग के लिए चेन्नई स्थित ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी चली गईं। इस लेवल की परीक्षा में देश की सिर्फ 4 लड़कियां पास हो पाईं थीं, जिनमें नमिता भी एक थीं। बेटी को सेना में भेजने के फैसले को लेकर प्रकाश पंत की खूब तारीफ भी हुई थी। वो महिला सशक्तिकरण के सच्चे हिमायती थे। आज उनकी बेटी नमिता पिता की लिखी इस कविता को याद कर बहुत रो रही होंगी, प्रदेश ने एक सच्चा नेता खोया है तो वहीं एक लाडली ने अपने पिता को खो दिया है...ईश्वर इस दुख की घड़ी में उनका हौसला बनाए रखे, हम यही प्रार्थना करते हैं।