उत्तराखंड चमोलीtons of garbage spread royal wedding in Auli

औली में शाही शादी के बाद फैला सैकड़ों क्विंटल कचरा, सफाई में पालिका को छूट रहा पसीना

करोड़ों की शाही शादी तो निपट गई, लेकिन समारोह के बाद औली के हाल बुरे हैं, यहां अब भी कई क्विंटल कचरा फैला है...

रॉयल शादी: tons of garbage spread royal wedding in Auli
Image: tons of garbage spread royal wedding in Auli (Source: Social Media)

चमोली: मशहूर बिजनेसमैन गुप्ता बंधुओं के बेटों की शाही शादी का समारोह 22 जून को ही निपट गया था, पर ये शादी अब भी चर्चा में बनी हुई है। शादी में जिस तरह करोड़ों रुपए खर्च हुए, उसी तरह टनों क्विंटल कचरा भी फैलाया गया, जिसे समेटने में नगर पालिका के भी पसीने छूट रहे हैं। हर दिन टनों कचरा औली से हटाया जा रहा है पर अब भी सौ क्विंटल से ज्यादा कूड़ा औली में जगह-जगह बिखरा है। शुक्र है कि कम से कम गुप्ता बंधु कचरे को उठाने की व्यवस्था कर गए हैं। कचरा साफ करने में जितनी लागत आ रही है, उसका भुगतान गुप्ता बंधुओं को करना है। कूड़े के उठान पर 8 लाख से ज्यादा का खर्चा आएगा। शाही शादी वाले आयोजकों ने अब तक 5 लाख 54 हजार रुपये का भुगतान किया है, बाकि रकम कचरा पूरी तरह साफ होने के बाद दी जाएगी। आपको बता दें कि साउथ अफ्रीका के मशहूर बिजनेसमैन गुप्ता बंधुओं के बेटों की शादी का समारोह औली में 18 जून से लेकर 22 जून तक चला, जिस पर करीब 2 सौ करोड़ रुपये खर्च हुए।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढें - देवभूमि में 200 करोड़ की रॉयल वेडिंग..55 बॉलीवुड स्टार आएंगे..5 करोड़ के फूलों से सजेगी औली
शादी के लिए जो पंडाल और शामियाना लगा था, उसे हटाने का काम पूरा नहीं हुआ है। अब तक यहां से 265 क्विंटल कूड़ा उठ चुका है, लेकिन 100 क्विंटल से ज्यादा कचरा अब भी औली की सेहत खराब कर रहा है। कूड़ा हटाने की जिम्मेदारी नगर पालिका जोशीमठ को मिली है। समारोह खत्म हुए तीन दिन बीत जाने के बाद भी औली में सफाई का काम लगातार जारी है। पालिका की तरफ से 20 कर्मचारियों के साथ ही 20 मजदूरों को कूड़ा हटाने के काम पर लगाया गया है। हाईकोर्ट की घुड़की के बाद शादी समारोह के आयोजकों ने औली को साफ-सुथरा बनाए रखने की कोशिश तो खूब की, लेकिन ये कोशिशें कितनी कामयाब हुई ये तो 7 जुलाई को ही पता चलेगा, जब प्रशासन अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में देगा। हाईकोर्ट की तरफ से मिले निर्देश के बाद प्रशासन औली पर नजर बनाए हुए हैं। वन विभाग से भी निरीक्षण रिपोर्ट ली जाएगी। बता दें कि इस रॉयल शादी को लेकर एक जनहित याचिका नैनीताल हाईकोर्ट में लगाई गई थी, जिसमें आयोजन की वजह से पर्यावरण को नुकसान होने की आशंका जताई गई थी। तब हाईकोर्ट ने आयोजन को लेकर एक गाइडलाइन बनाई थी, जिसके पालन की जिम्मेदारी डीएम के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दी गई थी। इस संबंध में डीएम को 7 जुलाई को अपनी रिपोर्ट पेश करनी है।