उत्तराखंड देहरादूनall you should know about cloud burst in uttarakahnd

उत्तराखंड में इसलिए होती हैं बादल फटने की घटनाएं...मौसम वैज्ञानिकों ने बताई बड़ी बातें

हर साल मानसून में उत्तराखंड में जगह-जगह बादल फटने लगते हैं, ऐसा क्यों होता है इस बारे में वैज्ञानिकों ने ये थ्योरी दी है...

उत्तराखंड बादल फटा: all you should know about cloud burst in uttarakahnd
Image: all you should know about cloud burst in uttarakahnd (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में बादल गरजते हैं तो लोगों का दिल बैठने लगता है। हर साल बरसात में पहाड़ के कई इलाकों में बादल फटने की घटनाएं सामने आती हैं, जिनसे खूब तबाही होती है। साल 2013 में आई आपदा भला कौन भूल सकता है। बादल फटने के बाद ही केदारघाटी में तबाही का सैलाब आया था, जिसकी दुखद यादों से हम आज तक उबर नहीं पाए हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों ने उस वजह का खुलासा किया है, जो कि उत्तराखंड में बादल फटने, यानि अतिवृष्टि की वजह बनती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा होने की वजह मानसून की हवाओं और पश्चिमी विक्षोभ का आपस में टकराव है। जब मानसून की हवाएं और पश्चिमी विक्षोभ आपस में टकराते हैं तो अतिवृष्टि होती है। उत्तराखंड में मानसून सीजन के दौरान ऐसा कई बार होता है, यही वजह है कि बरसात में यहां अक्सर बादल फटने की घटनाएं होती हैं। जब पूर्व से आने वाली मानसून की हवाएं और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आमने-सामने आ जाते हैं, तो दोनों ही एक-दूसरे को रास्ता नहीं देते। जिस वजह से एक ही जगह अतिवृष्टि होने लगती है। इसे ही हम बादल फटना कहते हैं। इस बारे में एक और बात ध्यान रखने वाली है और वो ये है कि मौसम विभाग के अनुसार बादल फटने या क्लाउड बर्स्ड जैसी कोई चीज होती ही नहीं है। मौसम विभाग बादल फटने की घटनाओं से इनकार करता रहा है।

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अतिवृष्टि को ही जन सामान्य की भाषा में बादल फटना कहा जाता है। हर साल पहाड़ी इलाकों में अतिवृष्टि की वजह से भारी तबाही होती है। अगर किसी जगह पर एक घंटे के दौरान लगातार 100 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की जाती है तो उसे अतिवृष्टि कहते हैं। ये कहीं भी आफत ला सकती है। हाल ही में रुद्रप्रयाग में बादल फटने की घटना सामने आई है। पहाड़ में जैसी विषम भौगोलिक परिस्थितियां हैं, वहां सौ मिलीमीटर से कम बारिश भी तबाही ला सकती है। बारिश का पानी पहाड़ से बहकर तेजी से नीचे आता है। अगर रास्ते में जंगल ना हो तो जो भी निर्माण रास्ते में बाधा साबित होते हैं, ये उन्हें साथ बहाता ले जाता है। चलिए अब आपने ये तो जान लिया कि उत्तराखंड में ही बादल फटने की घटनाएं क्यों होती हैं। ये प्राकृतिक वजहों से होता है, जिन्हें टाला नहीं जा सकता, हां हम पेड़ लगाकर धरती का कटाव जरूर रोक सकते हैं। सतर्क रहकर, सावधानी बरत कर अपनी और दूसरों की जान जरूर बचा सकते हैं। इन दिनों पहाड़ में मौसम खराब है, ऐसे में अपना ध्यान रखें। जो जानकारियां एक-दूसरे की मदद कर सकती हैं, उन्हें लोगों तक जरुर पहुंचाएं।