उत्तराखंड चमोलीCRAFT AND ART MUSEUM IN MANA

माणा में बनेगा सबसे अनोखा संग्रहालय, लोकसंस्कृति और कला को बचाने की ऐतिहासिक पहल

माणा गांव को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित किया जा रहा है, साथ ही यहां की लोककलाओं को बचाने के प्रयास भी जारी हैं...

उत्तराखंड माणा गांव: CRAFT AND ART MUSEUM IN MANA
Image: CRAFT AND ART MUSEUM IN MANA (Source: Social Media)

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले की गोद में बसा है खूबसूरत माणा गांव, इस गांव को प्रकृति ने अपने अनमोल खजाने से नवाजा है। देश के आखिरी गांव के तौर पर विख्यात ये गांव जल्द ही एक और वजह से जाना जाएगा। माणा में एक विशेष संग्राहलय स्थापित करने की कवायद शुरू हो गई है। देश के आखिरी गांव में बना ये संग्राहलय कई मायनों में खास होगा। चलिए बताते हैं कि यहां लोगों को क्या-क्या देखने को मिलेगा। माणा क्षेत्र अपनी अलग संस्कृति और हस्तशिल्प के लिए जाना जाता है। जो संग्राहलय यहां बनने जा रहा है, वहां लोग उन पारंपरिक मशीनों को देख सकेंगे, जिनकी मदद से पहाड़ी बुनकर आज भी हस्तशिल्प तैयार करते हैं। माणा की वास्तुकला के साथ ही यहां की संस्कृति की झलक भी संग्राहलय में देखने को मिलेगी। हाल ही में देहरादून के सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। जिसमें लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग और पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ ही चमोली के डीएम मौजूद थे। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें हस्तशिल्प, स्थानीय संस्कृति और वास्तुकला को सहेजने के प्रयासों पर भी बात हुई। चमोली समेत पूरे प्रदेश में हस्तशिल्प को बचाने की बात कही गई।

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मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि वो स्थानीय बुनकरों को अच्छी क्वालिटी की ऊन उपलब्ध कराने के लिए अच्छी प्रजाति की भेड़-बकरी पालन के लिए प्रेरित करें। उन्होंने ग्रामीणों को जल्द ही ऊन रिफाइन करने के लिए मशीनें देने के भी निर्देश दिए। बैठक में माणा गांव में हस्तशिल्प और वास्तुकला के संरक्षण के लिए संग्राहलय निर्माण पर सहमति बनी। मुख्य सचिव ने विभाग को निर्देश दिए कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगारपरक योजनाएं चलाई जाएं, ताकि उनकी आमदनी बढ़े। माणा में संग्रहालय की स्थापना एक अच्छा प्रयास है। इससे क्षेत्र की संस्कृति और हस्तशिल्प को सहेजने में मदद मिलेगी। दूर-दूर से आने वाले पर्यटक उत्तराखंड के इस क्षेत्र की अनोखी संस्कृति को करीब से देख सकेंगे, जान सकेंगे। इससे लोगों को रोजगार के नए मौके भी मिलेंगे। मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा है कि वो पारंपरिक गहनों और परिधानों को प्रोत्साहन देने के लिए भी योजना बनाएं। चमोली के डीएम ने स्थानीय लोगों को माणा में दुकानें उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी बैठक में रखा। जो दुकानें ग्रामीणों को दी जाएंगी, उनमें भी स्थानीय वास्तुकला की झलक देखने को मिलेगी। कुल मिलाकर सीमांत माणा गांव अब एक नए कलेवर में नजर आएगा।