नैनीताल: छात्रसंघ चुनाव...छात्र के राजनीतिक जीवन में प्रवेश करने का सबसे पहला रास्ता। लेकिन गढ़वाल यूनिवर्सिटी में जो छात्र अब राजनीतिक सफर का सपना देख रहे हैं, उन्हें बड़ा झटका लगा है। दरअसल गढ़वाल यूनिवर्सिटी के मुख्य परिसर बिड़ला कैंपस के साथ ही पौड़ी और टिहरी कैंपस में छात्रसंघ चुनाव प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया है। नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद कुलसचिव डॉ. एके झा ने यूनिवर्सिटी के मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. एसएन बहुगुणा के साथ साथ टिहरी कैंपस के निदेशक प्रो. एए बौड़ाई और पौड़ी कैंपस के निदेशक प्रो. आरएस नेगी को चुनाव प्रक्रिया स्थगित करने का निर्देश लिखित में जारी किया। तत्काल प्रभाव से नए नियम को लागू करने के आदेश दिए गए हैं। छात्रसंघ चुनाव से संबंधित सारी प्रक्रियाएं श्रीनगर, पौड़ी और टिहरी तीनों कैंपस में स्थगित रहेंगी। आपको बता दें कि हल्द्वानी निवासी अमित पांडे ने गढ़वाल यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव कराए जाने के खिलाफ याचिका दायर की थी। याचिका में क्या कहा गया था? आगे पढ़िए
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हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि छात्रसंघ चुनाव कराना केंद्रीय विश्विद्यालय की नियमावली की धारा 36 के खिलाफ है। छात्रसंघ चुनाव कराने के बजाय छात्र परिषद का गठन होना चाहिए। कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाया को अब खबर है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 के अनुसार गढ़वाल यूनिवर्सिटी श्रीनगर में अब छात्रसंघ की जगह स्टूडेंट काउंसिल का गठन होगा। स्टूडेट काउंसिल यानी छात्र परिषद में 40 छात्र-छात्रा सदस्य होंगे। तो क्या ये मान लिया जाए कि विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव अब बीते जमाने की बात बनने जा रही है? उधर अलग अलग छात्र संगठनों से जुड़े छात्र नेताओं ने इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। खबर है कि छात्रों के आक्रोश को देखते हुए गढ़वाल यूनिवर्सिटी ने अपना फैसला बदल लिया। अब पहले की तरह 3 सितंबर को ही छात्रसंघ चुनाव कराए जाएंगे।