हरिद्वार: मां-बाप बड़े लाड प्यार से और कई उम्मीदों से अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं, लेकिन अगर इस लाड प्यार और उम्मीदों पर किसी की नज़र लग गई तो क्या कहेंगे आप? जिन स्कूल बसों में आप अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं, उन बसों की जिम्मेदारी किसके हाथ में दी गई है ? क्या कभी आपने इस बात की पड़ताल करने की कोशिश की ? उत्तराखंड में लगातार बढ़ रही स्कूल वाहन दुर्घटनाओं से भी स्कूल प्रबंधन शायद सबक नहीं ले रहे। ताजा मामला ऋषिकेश का है, जहां 36 बच्चों को घर छोड़ने जा रही स्कूल बस ने बीच सड़क पर चलते चलते वाहनों को टक्कर मारी और फिर एक दुकान की छत भी उड़ा दी। बस के अंदर बैठे बच्चों की तो मानों जान पर बन आई। बताया जा रहा है कि ये बस डीएसबी इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की है। आरोप है कि बस रास्ते में करीब 10 बार इधर से उधर टकराते हुई गंतव्य तक पहुंची। शुक्र इस बात का है कि इस दौरान कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। फिलहाल इस गंभीर मसले पर स्कूल प्रबंधन खामोश है। अमर उजाला की खबर के मुताबिक ये घटना दोपहर करीब 12 से एक बजे के बीच की है। आगे पढ़िए
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गुमानीवाला के डीएसबी इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की बस बच्चों को घर छोड़ने के लिए रवाना हुई थी। आरोप है कि स्कूल से निकलने के बाद बस रास्ते भर में अलग अलग वाहनों को टक्कर मारते हुए जैसे तैसे करके तपोवन पहुंची। बस में करीब 36 बच्चे सवार थे। खबर है कि बस की आखिरी टक्कर तपोवन में एक दुकान पर हुई। ये टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दुकान की छत उखड़ गई। इसके बाद लोगों ने शओर मचाना शुरू किया लेकिन बस की रफ्तार नहीं थमी। आखिर में भीड़ के नजदीक जाकर बस रुकी और लोगों ने चालक को घेरकर फटकारना शुरू कर दिया। इस दौरान कंडक्टर ने भी लोगों को बताया कि उसने चालक को इस बारे में आगाह किया था लेकिन बस चालक नहीं माना। अपनी जिंद के चलते वो 36 बच्चों की जान जोखिम में डालकर बस चलाता रहा। खबर के मुताबिक इस मामले में डीएसबी इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल से भी बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। खंड शिक्षा अधिकारी डोईवाला उमा पंवार का कहना है कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।