देहरादून: देहरादून में बेलगाम दौड़ते ई-रिक्शा मुसीबत का सबब बन गए हैं। शहर को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए दून में ई-रिक्शा संचालन की शुरुआत हुई थी, इससे प्रदूषण का स्तर तो कम नहीं हुआ, हां अवैध ई-रिक्शे मुसीबत जरूर बन गए हैं। ई-रिक्शा संचालक किस कदर नियमों को ताक पर रख रहे हैं, इसका एक नजारा हाल ही में देखने को मिला। जब परिवहन विभाग की टीम ने एक 9 साल के बच्चे को ई-रिक्शा चलाते पकड़ा। अब बच्चा तो बच्चा है, उसे ना तो नियम-कानूनों की जानकारी है, ना ही इनकी परवाह। बच्चा देहरादून की सड़कों पर मजे से ई-रिक्शा चला रहा था। परिवहन विभाग ने ई-रिक्शा को सीज कर दिया है। 25 हजार रुपये का चालान भी काटा है। सच कहें तो सड़कों पर बेलगाम दौड़ते ई-रिक्शा शहर के लिए मुसीबत बन गए हैं। कई ई-रिक्शा बिना लाइसेंस चल रहे हैं, तो कई ई-रिक्शा संचालकों ने नाबालिगों को ई-रिक्शा थमा दिए हैं।
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शुक्रवार को भी ऐसा ही हुआ। परिवहन विभाग की टीम राजपुर रोड और मसूरी के आसपास चेकिंग अभियान चला रही थी। इस दौरान 5 गाड़ियां सीज की गईं, 60 वाहनों के चालान कटे। चेकिंग के दौरान टीम ने एक ई-रिक्शा को रोका। इस ई-रिक्शा को एक बच्चा चला रहा था। पूछताछ में पता चला कि बच्चे की उम्र सिर्फ 9 साल है, वो कक्षा 4 में पढ़ता है। ई-रिक्शे में तीन सवारियां बैठी थीं। अब आप खुद सोच लीजिए यात्रियों की सुरक्षा के साथ कैसा मजाक किया जा रहा है। नए एमवी एक्ट के तहत नाबालिग के ई-रिक्शा संचालन के चालान का ये पहला मामला है। नए एक्ट के तहत जुर्माने के साथ-साथ बच्चे के अभिभावक को 3 साल की सजा भी हो सकती है। परिवहन विभाग ने कार्रवाई करने के साथ-साथ केस को जुवेनाइल कोर्ट भेजा है।