देहरादून: साल 2016 में देहरादून को दहला देने वाले गुरुमीत कौर हत्याकांड मामले में कोर्ट ने आरोपी आशीष उर्फ मोनू को दोषी पाते हुए सजा सुना दी है। आशीष उर्फ मोनू पर आरोप सिद्ध होने के बाद कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ कोर्ट ने दोषी मोनू पर 75 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। जुर्माने की रकम में से 50 हजार रुपये की राशि मृतक के पति को दी जाएगी। जुर्माना ना भरने पर मोनू को 5 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। चलिए अब आपको पूरा मामला बताते हैं। घटना साल 2016 की है। प्रेमनगर थाना क्षेत्र के चाय बगान में गुरुमीत नाम की महिला की धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। युवती का शव चाय बागान के पास पड़ा मिला। हत्या का शक आशीष उर्फ मोनू पर था, वो युवती से प्यार करता था। पुलिस को मोनू मसूरी के होटल में मिला, पर वो लहूलुहान था, उसने अपनी कलाई की नस काट ली थी, पर समय पर इलाज मिलने से मोनू की जान बच गई।
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पुलिस पूछताछ में आशीष उर्फ मोनू ने कई सनसनीखेज खुलासे किए। उसने बताया कि वो गुरुमीत से पिछले पांच साल से प्यार करता था। 35 साल की गुरुमीत कौर शादीशुदा थी और उसके मकान में किराये पर रहती थी। गुरुमीत का पति कारोबार के सिलसिले में अक्सर बाहर रहता था। इसी बीच गुरुमीत और मकान मालिक के बेटे आशीष के बीच प्यार हो गया। ये जानते हुए भी कि गुरुमीत का 8 साल का बेटा है, वो शादीशुदा है, आशीष उसे खुद से दूर नहीं जाने देना चाहता था। गुरुमीत को किसी और से बात करते देख उसे बहुत गुस्सा आता था। इसी शक में उसने एक दिन गुरुमीत की जान ले ली, बाद में खुदकुशी का प्रयास भी किया, पर बच गया। गुरुमीत हत्याकांड मामले में सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही उस पर 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।