उत्तराखंड देहरादून50 percent people gave bribe for government work in uttarakhand

इंडिया करप्शन सर्वे 2019: उत्तराखंड में सरकारी काम के लिए 50 फीसदी लोगों ने घूस दी

बिना रिश्वत दिए उत्तराखंड के सरकारी दफ्तरों में काम नहीं होता। सर्वे में 50 फीसदी लोगों ने माना कि उन्हें काम कराने लिए रिश्वत देनी पड़ी...

Uttarakhand: 50 percent people gave bribe for government work in uttarakhand
Image: 50 percent people gave bribe for government work in uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: रिश्वत लेना और देना अपराध है। भ्रष्टाचार रोकने के लिए अभियान चल रहे हैं, रिश्वतखोरों के खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है, पर फिर भी भ्रष्टाचार का मर्ज खत्म नहीं हो रहा। हालात ये हैं कि उत्तराखंड में लोगों के सरकारी काम तब तक नहीं होते जब तक वो रिश्वत नहीं देते। रिश्वत दे दी तो काम मिनटों में हो जाता है, ना दी तो महीनों-महीनों चक्कर काटते रहो। हर दफ्तर का यही हाल है। उत्तराखंड के 50 फीसदी लोगों को सरकारी दफ्तरों में अपने काम कराने के लिए रिश्वत देनी पड़ रही है। ऐसा हम नहीं कह रहे, ये कहना है इंडिया करप्शन सर्वे 2019 की रिपोर्ट का। जिसने सूबे के सरकारी दफ्तरों में चल रहे रिश्वत के खेल की पोल खोलकर रख दी है। भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामले में उत्तराखंड के सरकारी विभाग अव्वल हैं। रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली बातें पता चलीं। प्रदेश मे सबसे ज्यादा रिश्वत जमीन और प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए देनी पड़ती है। इसके बाद आरटीओ, टैक्स कार्यालय और बिजली विभाग का नंबर आता है। सर्वे में 67 फीसदी लोगों ने माना कि उन्हें जमीन और प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए रजिस्ट्रार दफ्तर में रिश्वत देनी पड़ी।

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33 फीसदी लोगों ने आरटीओ, टैक्स कार्यालय और बिजली विभाग में रिश्वत देने की बात कबूली। सर्वे के दौरान 25 फीसदी लोगों ने माना कि उन्हें सरकारी काम कराने के लिए एक से ज्यादा बार रिश्वत देनी पड़ी। ये आंकड़े डराने वाले हैं। आपको बता दें कि अपने प्रदेश में लोकायुक्त का पद खाली चल रहा है। विजिलेंस कार्रवाई कर रहा है, पर इससे भ्रष्टाचारियों पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा। जब से राज्य बना है तब से अब तक उत्तराखंड विजिलेंस ने 208 मामले ट्रैप से पकड़े हैं। जिनमें से सिर्फ 22 पर दोष साबित हो पाया, 28 मामलों में आरोपी दोषमुक्त हो गए, जबकि 138 मामले अंडर ट्रायल चल रहे हैं। कुमाऊं में विजिलेंस ने पांच सालों में भ्रष्टाचार के 27 मामलों को ट्रैप किया। जिनमें 30 लोगों को रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ा गया। भ्रष्टाचार के मामले में अब तक 17 लोगों को सजा दिलाई जा चुकी है। पर ये काफी नहीं। हालात केवल उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में खराब हैं। 20 राज्यों में हुए सर्वे में 61 परसेंट लोगों ने कहा कि भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ। सरकारी काम के लिए कोई रिश्वत मांगे तो विजिलेंस के टोल फ्री नंबर 1800-180-6666 पर शिकायत दर्ज कराएं। इसके अलावा व्हाट्स एप नंबर 9456592300 पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।