उत्तराखंड रुद्रप्रयागdm is giving tips to stop migration from the hilly area

रुद्रप्रयाग DM मंगेश की शानदार पहल, युवाओं को रोजगार देने के लिए शुरू किया यंग फार्मर स्कूल

पलायन की दिल तोड़ती खबरों के बीच एक शानदार खबर रुद्रप्रयाग जिले से आई है, जहां डीएम बेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं...

migration in Uttarakhand: dm is giving tips to stop migration from the hilly area
Image: dm is giving tips to stop migration from the hilly area (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: पलायन...पहाड़ की पीड़ा। इस पीड़ा से तब तक मुक्ति नहीं मिलेगी, जब तक हर हाथ में रोजगार नहीं होगा। पलायन से हमारे गांव खाली हो रहे हैं। पलायन पर चिंता तो सब जता रहे हैं, पर इसे रोकने के जो उपाय किए जा रहे हैं वो अब भी नाकाफी है। पलायन की दिल तोड़ती खबरों के बीच एक शानदार खबर रुद्रप्रयाग जिले से आई है, जहां डीएम बेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। डीएम मंगेश घिल्डियाल की गिनती पहाड़ के चुनिंदा काबिल अफसरों में होती है। केदारनाथ यात्रा के जरिए स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के मौके विकसित करना हो या फिर प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों की मदद करना...डीएम मंगेश घिल्डियाल हर मोर्चे पर सफल रहे। इन दिनों वो यंग फार्मर स्कूल के जरिए स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के टिप्स दे रहे हैं। डीएम युवाओं को बता रहे हैं कि पहाड़ में कैसे रोजगार सृजन कर अच्छी आमदनी की जा सकती है, महानगर के हालात क्या हैं इसके बारे में भी युवाओं को बता रहे हैं। पलायन रोकने के लिए उन्होंने रुद्रप्रयाग में यंग फार्मर स्कूल का संचालन शुरू किया है, जिसके जरिए युवाओं को रोजगार की संभावनाओं के बारे में बताया जा रहा है। डीएम बेरोजगारों को बता रहे हैं कि किस तरह मत्स्य, डेरी, पशुपालन, कृषि और बागवानी के जरिए गांव में रहकर आमदनी की जा सकती। प्रशासन की तरफ से उन्हें कैसे मदद मिल सकती है।

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डीएम मंगेश घिल्डियाल कहते हैं कि पहाड़ के युवाओं को महानगर का रुख करने से पहले स्वरोजगार की संभावनाओं का मूल्यांकन करना चाहिए। ऐसा करने के बाद ही गांव से बाहर जाने का मन बनाएं। उच्च शिक्षा, तकनीकी ज्ञान और अच्छी नौकरी सुनिश्चित होने के बाद ही शहर जाने की प्लानिंग करें। पहाड़ से जाने वाले ज्यादातर युवा या तो फैक्ट्री में काम करते हैं या फिर होटल में, जहां उनका शारीरिक और मानसिक शोषण होता है। ये युवा अपने बंजर खेतों में मालिक की तरह काम कर वीरान पड़े गांवों को आबाद कर सकते हैं। डीएम मंगेश घिल्डियाल ने जो बात कही है वो सौ टका सच है। प डीएम मंगेश घिल्डियाल की कोशिश वाकई सराहनीय है, वो समस्या पर सिर्फ बात करने की बजाय उसे खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं। दूसरे पहाड़ी जिलों के अधिकारी भी चाहे तो उनका आइडिया अपनाकर अपने क्षेत्रों में बेरोजगारी और पलायन खत्म करने की कोशिश कर सकते हैं।