उत्तराखंड अल्मोड़ाGanesh pathak from dwarahat wins gold medal in power lifting competition

उत्तराखंड के गणेश को बधाई, मॉस्को पावर लिफ्टिंग में दिलाया देश को गोल्ड मेडल

पहाड़ के लाल गणेश चंद्र ने रूस में हुई वर्ल्ड पॉवर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में देश के लिए गोल्ड मेडल जीता है, आप भी इन्हें बधाई दें...

power lifting competition: Ganesh pathak from dwarahat wins gold medal in power lifting competition
Image: Ganesh pathak from dwarahat wins gold medal in power lifting competition (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: कहने को उत्तराखंड छोटा सा राज्य है, पर प्रतिभाएं देने के मामले में इसका कोई सानी नहीं। पहाड़ के होनहार खिलाड़ी हर खेल में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। प्रदेश को गौरवान्वित कर रहे है, इन खिलाड़ियों में अब अल्मोड़ा के गणेश चंद्र पाठक का नाम भी शामिल हो गया है। गणेश चंद्र ने रूस में हुई विश्व पॉवर लिफ्टिंग में देश के लिए स्वर्ण पदक जीता। वर्ल्ड पॉवर लिफ्टिंग चैंपियनशिप का आयोजन रूस के मॉस्को में हुआ था, जिसमें गणेश चंद्र ने गोल्ड मेडल जीता। फाइनल राउंड में उन्होंने रूस के खिलाड़ी लुइस एलन को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। गणेश चंद्र ने फाइनल राउंड में कुल 490 किग्रा भार उठाया, जबकि उनके नजदीकी प्रतिद्वंदी लुइस एलन सिर्फ 470 किलोग्राम भार उठा सके। प्रतियोगिता का आयोजन 13 से 15 दिसंबर तक हुआ, जिसमें भारत की 40 सदस्यीय टीम ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए कुल 39 देशों के खिलाड़ी आये थे।

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चलिए अब आपको गणेश के बारे में थोड़ा और डिटेल से बताते हैं। गणेश द्वाराहाट तहसील के दूरस्थ गांव निरकोट से ताल्लुक रखते हैं। वो एमटीएनएल दिल्ली की टीम का हिस्सा हैं। 40 साल के गणेश चंद्र पाठक इससे पहले भी कई प्रतियोगिताएं जीत चुके हैं। पिछले दिनों उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में मास्टर कैटेगरी (90 से 100 किग्रा) में स्वर्ण पदक जीता। प्रतियोगिता का आयोजन वर्ल्ड पॉवर लिफ्टिंग कांग्रेस रसिया ने किया था। जिसमें भारत के गणेश चंद्र ने शानदार खेल से हर किसी को प्रभावित किया। उन्होंने बैंच प्रेस में 120 किग्रा, डेड लिफ्ट में 190 तथा स्क्वॉयड में 180 कुल 490 किग्रा भार उठाकर इतिहास रच दिया। प्रतियोगिता में भारत के 40 सदस्यों की टीम ने हिस्सा लिया था। जिसमें हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के खिलाड़ी थे। दिल्ली की टीम से गणेश अकेले भारत्तोलक थे। पिछले 15 साल से एमटीएनएल के लिए खेल रहे गणेश एमटीएल में बतौर क्लर्क सेवाएं दे रहे हैं। उनकी ये उपलब्धि केवल उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश के लिए खास है, राज्य समीक्षा टीम की तरफ से उन्हें ढेरों बधाई.