उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालSchools closed in Uttarakhand will be converted into home stays

उत्तराखंड के खाली पड़े स्कूल फिर से होंगे आबाद, अब इन्हें देश-विदेश से देखने आएंगे सैलानी

प्रदेश के बंद पड़े सरकारी भवनों को होम स्टे के तौर पर विकसित किया जाएगा। जिससे इन भवनों का बेहतर इस्तेमाल होगा, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे...

होम स्टे योजना: Schools closed in Uttarakhand will be converted into home stays
Image: Schools closed in Uttarakhand will be converted into home stays (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के बंद हो चुके सरकारी स्कूलों के बेहतर इस्तेमाल का तरीका खोज लिया है। अब इन स्कूलों के जरिए प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी। रोजगार के मौके मिलेंगे। इसके लिए सरकार ने खास प्लानिंग की है। योजना के तहत प्रदेश के बंद पड़े स्कूल भवनों को होम स्टे में तब्दील किया जाएगा, ताकि इनका दोबारा इस्तेमाल हो सके। ये जानकारी पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दी। विधानसभा में चौबट्टाखाल क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था की समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने बताया कि बंद स्कूल भवनों के इस्तेमाल की योजना तैयार की जा रही है। इन्हें होम स्टे बनाया जाएगा। जिनका इस्तेमाल ट्रेकिंग और यात्रा रूट के लिए किया जाएगा। इन रूटों पर टॉयलेट और दूसरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। योजना के तहत चौबट्टाखाल के कुछ सरकारी स्कूलों का चयन किया गया है। जल्द ही योजना को राज्यस्तर पर अमल में लाया जाएगा। बंद स्कूलों को होम स्टे में बदल कर इन भवनों को इस्तेमाल में लाने की योजना है

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पर्यटन मंत्री ने चौबट्टाखाल के सरकारी स्कूलों की व्यवस्था पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में टीचर्स की कमी है, वहां गेस्ट टीचर्स की व्यवस्था की जा रही है। फर्नीचर, पेयजल और रसोईघर की व्यवस्था भी दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने ई-लर्निंग और वर्चुअल क्लास को प्रभावी बनाने के निर्देश भी दिए। प्रदेश के बंद पड़े सरकारी स्कूल भवनों का इस्तेमाल होम स्टे के तौर पर हो, इसके लिए सरकार योजना बना रही है। पहाड़ के गांवों में ऐसे स्कूलों की तादाद सैकड़ों में है, जिनमें छात्र संख्या शून्य होने की वजह से ताला लटका है। खाली भवनों पर या तो अवैध कब्जे हो रहे हैं, या फिर परिसर में असामाजिक तत्वों का बसेरा है। ऐसे में इन बंद भवनों को होम स्टे योजना से जोड़कर इनका इस्तेमाल ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए किया जाना चाहिए, कोशिशें शुरू हो गई है। उम्मीद है अच्छे नतीजे भी जल्द देखने को मिलेंगे।