उत्तराखंड नैनीतालIsro scientist upload data on gis profile dm Savin Bansal good work

उत्तराखंड: DM सविन ने किया शानदार काम, नैनी झील प्रोजेक्ट को यूनाइटेड नेशंस की मंजूरी

डीएम सविन बंसल (Savin Bansal) की कोशिशें रंग ला रही हैं, बीते नवंबर में इसरो के वैज्ञानिकों ने नैनी झील का तकनीकी सर्वे किया था। इस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर यूएन ने झील की निगरानी के लिए परियोजना को मंजूरी दे दी है।

Savin Bansal: Isro scientist upload data on gis profile dm Savin Bansal good work
Image: Isro scientist upload data on gis profile dm Savin Bansal good work (Source: Social Media)

नैनीताल: डीएम सविन बंसल (Savin Bansal) के प्रयासों से नैनीताल की नैनी झील को नया जीवनदान मिलने वाला है। इसरो के वैज्ञानिकों ने झील की बैथीमेट्री स्टडी की थी। जिसके तहत डेप्थ मैपिंग, जल गुणवत्ता विश्लेषण, पीएच लेवल, डीओ और क्लोरिन जैसे कई बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट तैयार की गई थी। इस रिपोर्ट के आधार पर यूएन यानी यूनाइटेड नेशंस ने नैनी झील की सतत निगरानी परियोजना को मंजूरी दे दी है। आपको बता दें कि जिला प्रशासन ने बैथीमेट्री स्टडी रिजल्ट को यूएनडीपी को भेजा था। जिसके बाद यूएन ने झील के पानी की सतत निगरानी के लिए परियोजना को स्वीकृति प्रदान की। यूएन ने भारत में पहली बार किसी झील के स्टडी प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। अब झील को लेकर होने वाले वित्तीय और तकनीकी कार्य यूएन की तरफ से निशुल्क कराए जाएंगे। कुल मिलाकर नैनी झील के दिन बहुरने वाले हैं, और इसका श्रेय जाता है यहां के डीएम सविन बंसल (Savin Bansal) को।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: DM सविन का नेक काम, दुर्गम इलाके में शुरु हुई टेलीमेडिसिन सेवा..गांव वालों को राहत
उनकी कोशिशों के चलते ही बीते नवंबर में इसरो के वैज्ञानिकों का एक दल नैनीताल आया था। जिसने नैनी झील का तकनीकी तौर पर अध्ययन किया। हाईटेक मशीनों से झील की गहराई नापी गई। झील की तलहटी में जमा मलबे और दूसरे पदार्थों का भी अध्ययन किया गया। वैज्ञानिकों ने सोनार सिस्टम की मदद से झील का अध्ययन किया था। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर नैनी झील की सेहत सुधारने की कवायद शुरू कर दी गई है। डीएम सविन बंसल (Savin Bansal) ने बताया कि झील के पानी की सतत निगरानी के लिए यूएन ने परियोजना स्वीकृत कर दी है। प्रोजेक्ट का बजट 55 लाख रुपये है, जिसका एमओयू जल्द होगा। प्रोजेक्ट के तहत यूएन की तरफ से झील के दोनों छोर पर पानी की गुणवत्ता चेक करने के लिए सेंसर लगाए जाएंगे। लोगों को पानी की गुणवत्ता की जानकारी देने के लिए तल्लीताल में गांधी मूर्ति के पास एलईडी मॉनीटर लगाया जाएगा। इसके साथ ही एनआईएच से झील के आंतरिक जल स्त्रोतों का सर्वे भी कराया जाएगा।