उत्तराखंड चम्पावतNepal made one more post on border

उत्तराखंड की सीमा पर नेपाल ने बनाई एक और पोस्ट, तैनात किए सशस्त्र जवान

चीन के बाद अब पड़ोसी मित्र देश नेपाल भी भारत के खिलाफ साजिशें रच रहा है। नेपाल ने भारतीय सीमा से सटे अपने क्षेत्रों में सैन्य गतिविधियां तेज कर दी हैं...आगे पढ़िए पूरी खबर

Champawat Nepal border: Nepal made one more post on border
Image: Nepal made one more post on border (Source: Social Media)

चम्पावत: भारत की तरफ से तवाघाट से लेकर लिपुलेख तक सड़क बनाए जाने के बाद नेपाल और भारत के संबंधों मे तनाव पसरा है। नेपाल भारत से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में सशस्त्र बलों की तैनाती कर रहा है। धारचूला के पास स्थित मालपा मे नेपाल ने हेलीपैड बनाया है। दार्चुला और बैतड़ी में नेपाल एक दर्जन से ज्यादा सड़कें बनवा रहा है। इसी बीच उत्तराखंड से लगने वाली सीमा पर नेपाल ने एक और नई पोस्ट का निर्माण कराया है। नवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक ये पोस्ट पिथौरागढ़-चंपावत जिले की सीमा पर पंचेश्वर के पास बनी है। पोस्ट निर्माण का काम पूरा होते ही इस पर 35 सशस्त्र बलों की तैनाती भी कर दी गई। आगे भी पढ़िए

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नेपाल और भारत के संबंधों में अब पहले जैसी बात नहीं रही। चीन के बाद पड़ोसी मित्र देश नेपाल भी भारत के खिलाफ साजिशें रच रहा है। उत्तराखंड से नेपाल की 275 किलोमीटर लंबी सीमा लगी है। यहां पिथौरागढ़, चंपावत और ऊधमसिंहनगर जिले की सीमाएं नेपाल बॉर्डर से सटी हैं। कुछ दिन पहले नेपाल ने उत्तराखंड से लगने वाले खलंगा, छंगरु और झूलाघाट में अपनी बॉर्डर आउट पोस्ट बनाई थीं। नेपाली अधिकारियों ने उस वक्त कहा था कि ये पोस्ट उन्होंने सीमा की निगरानी के लिए बनाई है। बाद में यहां नेपाल सशस्त्र प्रहरी फोर्स के जवानों की तैनाती कर दी गई। अब नेपाल के सैनिकों ने सीमा के पार कुस्मौद घाट, धर्मघाट, डिंबर घाट और रौलघाट पर नियमित पेट्रोलिंग शुरू कर दी है। इस बारे में कुछ खास जानकारियां हैं, आगे पढ़िए

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अपनी सेना के जरिए नेपाल भारत की गतिविधियों पर नजर रख रहा है। नेपाल इससे पहले यूपी, बिहार और उत्तराखंड के जिलों से लगने वाली अपनी सीमा पर कई अतिरिक्त पोस्टों का निर्माण कर चुका है, जहां सैनिकों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। चंपावत बॉर्डर के पास बनी आउट पोस्ट को लेकर नेपाल सशस्त्र प्रहरी फोर्स के अधिकारियों ने कहा कि इस आउट पोस्ट से पंचेश्वर जलविद्युत परियोजना की सुरक्षा, भारत-नेपाल सीमा निगरानी और कस्टम से राजस्व हासिल करने जैसे कई काम किए जाएंगे। आपको बता दें कि लिपुलेख दर्रे तक सड़क बनने से बौखलाया नेपाल भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपना इलाका बता रहा है। जिसके चलते दोनों देशों के संबंधों में तनाव बना हुआ है।