बागेश्वर: एक बार फिर से आरजे काव्य एक बेहतर कहानी के साथ हमारे बीच हैं। लीजिए आज की कहानी उन लोगों के नाम जिन्हें अक्सर देवदूत भी कहा जाता है। किसने सोचा था कि कोरोना संकट हमारी जिंदगी को इस कदर बदल देगा। मार्च में जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा तो उत्तराखंड के लाखों लोग अलग-अलग राज्यों में फंस गए। दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और कर्नाटक समेत दूसरे राज्यों में फंसे उत्तराखंड के इन प्रवासियों के लिए एसडीआरएफ की टीम फरिश्ता बनकर सामने आई। आईजी एसडीआरएफ संजय गुंज्याल के नेतृत्व में एसडीआरएफ ने प्रवासियों की घर वापसी के लिए ऐसा शानदार काम किया, जिसकी सालों तक मिसाल दी जाएगी। एसडीआरएफ की मदद से अब तक 3 लाख से ज्यादा प्रवासी उत्तराखंड लौट चुके हैं। लॉकडाउन लगने के बाद प्रदेश के लाखों लोग दिल्ली, बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में फंस गए थे। मुश्किलें बढ़ीं तो प्रवासी राज्य सरकार से उत्तराखंड वापसी में मदद की अपील करने लगे।
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प्रवासियों को सोशल डिस्टेंस मेंटेन करते हुए राज्य में वापस लाना चैलेंजिंग काम था, जिसके लिए एक मजबूत लीडर की जरूरत थी। तब इसकी जिम्मेदारी एसडीआरएफ के आईजी संजय गुंज्याल को दी गई, और आईजी संजय गुंज्याल हमेशा की तरह इस काम को भी शानदार तरीके से पूरा करने में सफल रहे। उनके नेतृत्व में प्रवासियों को उत्तराखंड लाने का अभियान शुरू हुआ। इसके लिए दूसरे राज्यों से बातचीत की गई। रेलवे की मदद स्पेशल ट्रेन चलवाई गईं। बसें चलवाई गईं। केवल दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक से ही नहीं बल्कि सिक्किम के रिमोट एरिया तक से लोगों को वापस लाया गया। एसडीआरएफ ने उत्तराखंड में फंसे लोगों तक राशन पहुंचाने की जिम्मेदारी भी निभाई। 45 दिनों तक 80 हजार लोगों को एनजीओ की मदद से हर दिन पका हुआ खाना खिलाया गया। जो लोग कोरोना योद्धा के तौर पर ड्यूटी कर रहे थे, उन 30 हजार लोगों की ट्रेनिंग कराई गई ताकि वो दूसरों के साथ-साथ अपनी सुरक्षा का भी ध्यान रख सकें। आगे देखिए वीडियो
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प्रदेश में जो लोग क्वारेंटीन थे, उनकी मॉनिटरिंग में भी एसडीआरएफ ने पूरा सहयोग दिया। प्रवासियों की मदद के लिए एसडीआरएफ ने एक कंट्रोल रूम बनाया। जिसके जरिए 90 हजार से ज्यादा लोगों की क्वैरीज हैंडल की गईं। उन्हें एसएमएस से अपडेट भेजे गए। कोरोना काल में अब तक 3 लाख से ज्यादा प्रवासी उत्तराखंड लौट चुके हैं। 80 हजार से ज्यादा लोगों को भूख से परेशान नहीं होना पड़ा। 90 हजार से ज्यादा लोगों को सही वक्त पर सही जानकारी दी गई, और ऐसा इसलिए संभव हो सका क्योंकि आईजी संजय गुंज्याल और एसडीआरएफ की टीम दिन-रात लोगों की सेवा में जुटी रही। राज्य समीक्षा आईजी संजय गुंज्याल और एसडीआरएफ की टीम को सैल्यूट करता है। चलिए अब आपको आईजी एसडीआरएफ संजय गुंज्याल और उनकी टीम के प्रयासों पर तैयार एक शानदार वीडियो दिखाते हैं। जिसे रेडियो चैनल रेड एफएम के आरजे काव्य ने रेड एफएम के खास शो ‘एक पहाड़ी ऐसा भी’ के सीजन-3 के लिए तैयार किया है। आगे देखें वीडियो
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Posted by RJ Kaavya on Sunday, July 19, 2020