उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालCoca cola company will make apple orchards in Pauri Garhwal

पौड़ी गढ़वाल के 63 गांवों के लिए गुड न्यूज, सेब के 100 बगीचे बनाकर देगी कोका-कोला कंपनी

विश्व प्रसिद्ध कोका-कोला कंपनी उत्तराखंड में जल्द ही सेब के 100 बगीचे तैयार करेगी। यह बगीचे पौड़ी जिले के 4 ब्लॉकों के 63 गांव में तैयार होंगे।

Pauri Garhwal News: Coca cola company will make apple orchards in Pauri Garhwal
Image: Coca cola company will make apple orchards in Pauri Garhwal (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: कोका कोला कंपनी की लोगों के बीच लोकप्रियता से हम सब वाकिफ हैं। ऐसे में एक बड़ी खबर पौड़ी गढ़वाल से आ रही। पौड़ी गढ़वाल के हिस्से में कोका-कोला कंपनी की तरह से एक बड़ा तोहफा आने वाला है। विश्व प्रसिद्ध कोका-कोला कंपनी उत्तराखंड में जल्द ही सेब के 100 बगीचे तैयार करेगी। एक बगीचे की कीमत 1 लाख रुपए की होगी। कोका-कंपनी सेब के बगीचे लगाने के लिए कुल एक करोड़ रुपए देगी। यह बगीचे पौड़ी जिले के 4 ब्लॉकों के 63 गांव में तैयार होंगे। एप्पल सेडेशन से जुड़ी कई समितियों के साथ कई विभाग मिलकर यह 100 सेब के बगीचे तैयार करेंगे जिनसे कमाल का प्रॉफिट मिलने की उम्मीद है। इसी के साथ जो भी स्थानीय ग्रामीण इन समितियों का सदस्य बनने के लिए इच्छुक हैं वह सीधा इनका सदस्य बनकर अपने खेतों में भी सेब का बगीचा तैयार कर सकता है।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उड़ता उत्तराखंड: स्मैक की लत में बेटे की करतूत, अपनी मां के 4 लाख के जेवर बेच दिए

  • 4 से 5 नाली जमीन पर एक बगीचा

    Coca cola company will make apple orchards in Pauri Garhwal
    1/ 2

    वहीं 4 से 5 नाली जमीन पर तकरीबन 250 से लेकर 300 सेब के पेड़ों तक का एक बड़ा बगीचा बनेगा। बगीचा बनाने की पूरी लागत कोका कोला कंपनी देगी। इसके लिए सेब के अच्छी क्वालिटी एवं प्रजाति के पौधे मुफ्त में दिए जाएंगे। वहीं सहकारिता राज्य मंत्री धनसिंह रावत ने बताया कि पौड़ी जिले में सेब के 100 बगीचों के साथ पहला क्लसटर तैयार करने जा रहा है।

  • 63 गांवों में तैयार होंगे बगीचे

    Coca cola company will make apple orchards in Pauri Garhwal
    2/ 2

    पौड़ी जिले के 4 ब्लॉकों के कुल 63 गांव में यह बगीचे तैयार किए जाएंगे। खिर्सू, पाबौ, थलीसैंण व बीरोंखाल की ढौंढियालस्यूं पट्टी में ये बगीचे तैयार होंगे। बगीचे पर तकरीब तीन लाख रुपए की लागत आएगी। वहीं इस प्रोजेक्ट में गड्ढे मनरेगा के तहत खुदवाए जाएंगे ताकि स्थानीय लोगों को भी थोड़ा रोजगार मिले। बगीचों में सेबों की जिन प्रजाति के पौधे लगेंगे, उसमें मात्र तीन साल में बढ़िया नतीजे मिलने का दावा किया जा रहा है।