उत्तराखंड टिहरी गढ़वालTehri garhwal uppu village people appeal to government

गढ़वाल: उप्पू गांव पहुंचा टिहरी झील का पानी, लोगों ने दी जल समाधि की चेतावनी

गांव वालों की मांग है कि उन्हें जल्द से जल्द विस्थापित किया जाए। ऐसा नहीं किया गया तो वो टिहरी झील में जल समाधि ले लेंगे।

Tehri garhwal: Tehri garhwal uppu village people appeal to government
Image: Tehri garhwal uppu village people appeal to government (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: टिहरी गढ़वाल का उप्पू गांव। यहां के लोग इन दिनों बेहद परेशान हैं। परेशानी की वजह है टिहरी झील का बढ़ता जलस्तर, जो कि उप्पू गांव तक पहुंच गया है। ईटीवी की खबर के मुताबिक गांव वालों की परेशानी इस कदर बढ़ गई है कि लोग जल समाधि लेने की चेतावनी दे रहे हैं। गांव वालों की मांग है कि उन्हें जल्द से जल्द विस्थापित किया जाए। ऐसा नहीं किया गया तो वो झील में जल समाधि ले लेंगे। टिहरी बांध की झील 42 वर्ग किलोमीटर तक फैली है। इन दिनों झील का जलस्तर 827 आरएल मीटर से ऊपर पहुंच गया है। अब जरा सोचिए जो लोग झील के किनारे के गांवों में बसे हैं, उन पर इस वक्त क्या बीत रही होगी। मन में हर वक्त अनहोनी का डर लगा रहता है। टिहरी झील का पानी उप्पू गांव के मकानों तक जा पहुंचा है। जिससे ग्रामीण दहशत में आ गए हैं। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि उन्हें कहीं और विस्थापित किया जाए। ऐसा ना हुआ तो उन्हें मजबूरन झील में जल समाधि लेनी पड़ेगी। टिहरी बांध और झील के बारे में आप काफी कुछ पढ़-देख चुके होंगे, अब जरा उप्पू गांव के लोगों का दर्द भी जान लें। आगे पढ़िए

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टिहरी बांध की झील के किनारे बसे उप्पू गांव में 110 से ज्यादा परिवार रहते हैं। ये गांव पिछले 15 साल से खतरे की जद में है। गांव वाले प्रशासन से विस्थापन की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुन नहीं रहा। ग्रामीणों ने कहा कि अब झील का पानी गांव तक पहुंच गया है, मिट्टी धंसने लगी है। गांव के मंदिर के चारों तरफ भी झील का पानी फैला है। ग्रामीणों ने टिहरी बांध परियोजना और पुनर्वास विभाग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वो सालों से विस्थापन की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। अब खतरा गांव तक पहुंच गया है। गांव वाले कभी भी अनहोनी का शिकार हो सकते हैं। ऐसे में प्रशासन को ग्रामीणों के विस्थापन के लिए जल्द से जल्द कोई कदम उठाना चाहिए। अगर अब भी प्रशासन ने उप्पू गांव के लोगों की सुध नहीं ली तो सभी ग्रामीण जल समाधि लेने पर मजबूर हो जाएंगे।