उत्तराखंड देहरादूनTripti bhatt got award

तृप्ति भट्ट ने बढ़ाया उत्तराखंड का मान.. बेहतरीन सेवा के लिए मिला प्रतिष्ठित सम्मान

एसडीआरएफ की कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड हासिल कर देशभर में उत्तराखंड का मान बढ़ाया है।

Tripti Bhatt: Tripti bhatt got award
Image: Tripti bhatt got award (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के बेटे ही नहीं बेटियां भी देश की सेवा में अहम योगदान दे रही हैं। ऐसी ही पहाड़ी बेटी हैं एसडीआरएफ की कमांडेंट तृप्ति भट्ट, जिन्होंने स्कॉच अवार्ड हासिल कर देशभर में उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। इस अवॉर्ड की रेस में कमांडेंट तृप्ति भट्ट दूसरे स्थान पर रहीं। प्रथम स्थान पर आंध्र प्रदेश के डीजीपी रहे। उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाएगा। जबकि कमांडेंट तृप्ति भट्ट को सिल्वर मेडल दिया जाएगा। तृप्ति भट्ट एसडीआरएफ की कमांडेंट हैं। उन्हें ये अवॉर्ड कोरोना काल में किए गए बेहतर कार्यों के लिए दिया गया है। कोरोना संकट के दौरान लगे लॉकडाउन में जब लोग घरों में सिमट कर रह गए थे। लोगों को मदद नहीं मिल पा रही थी। ऐसे वक्त में वो एसडीआरएफ ही थी, जिसने मुसीबत के वक्त में लोगों का साथ दिया।

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जो लोग दूसरे राज्यों में फंस गए थे, उन्हें सकुशल उत्तराखंड लाने के इंतजाम किए। कोरोना काल में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने जो सराहनीय कार्य किए, उन्हें पूरे देशभर में तारीफ मिली। इन्हीं कार्यों के लिए एसडीआरएफ की कमांडेंट तृप्ति भट्ट को स्कॉच अवार्ड से सम्मानित किया गया। पुरस्कारों का ऐलान 28 अक्टूबर की देर रात हुआ। इससे पहले राष्ट्रीय स्तर पर वेबिनार का आयोजन भी हुआ था। जिसमें कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने लॉकडाउन में किए गए कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ देश में प्रथम बल बना जिसने कोविड टेस्टिंग प्रशिक्षण प्राप्त कर टेस्टिंग शुरू की

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एसडीआरएफ ने कोरोना काल के दौरान 70 हजार से अधिक स्टेकहोल्डर्स को प्रशिक्षण और कोविड से बचाव संबंधी जानकारी भी दी। यही नहीं लॉकडाउन और अनलॉक प्रक्रिया के दौरान एसडीआरएफ ने छह लाख से अधिक प्रवासियों को घर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। यहां आपको स्कॉच अवार्ड के बारे में भी जानना चाहिए। यह पुरस्कार भारत को बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने वाले संस्थानों, परियोजनाओं और व्यक्तियों को दिया जाता है। जिनमें पुलिस, स्वास्थ्य, गवर्नेंस, वित्तीय और सामाजिक समावेशन जैसे क्षेत्र शामिल हैं। स्कॉच अवार्ड की शुरुआत वर्ष 2003 में की गई थी।