उत्तराखंड देहरादूनcannabis farming in uttarakhand

पहाड़ में भांग की खेती से जुड़ेंगे किसान..UN से मंजूरी के बाद बड़ी तैयारी

सगंध पौधा केंद्र की मदद से प्रदेशभर के किसानों को नई खेती की पहल योजना से जोड़कर उन्हें भांग की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए किसानों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।

Uttarakhand cannabis farmers: cannabis farming in uttarakhand
Image: cannabis farming in uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: पलायन से जूझ रहे पहाड़ में भांग रोजगार का जरिया बनेगा। भांग की खेती के जरिए दम तोड़ती कृषि को जीवनदान देने की कार्य योजना पर काम चल रहा है। सगंध पौधा केंद्र की मदद से प्रदेशभर के किसानों को नई खेती की पहल योजना से जोड़कर उन्हें भांग की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। खास बात ये है कि किसानों को भांग की खेती के लिए विशेष तकनीकी जानकारी दी जाएगी, जिसकी व्यवस्था सगंध पौधा केंद्र करेगा। कोरोना काल के चलते किसानों को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। खेती-किसानी पहले ही दम तोड़ रही है, उस पर कोरोना संकट ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। अब किसानों को लाभ दिलाने के मकसद से सगंध पौधा केंद्र सेलाकुई ने खास योजना तैयार की है।

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इसके तहत एक नाली से लेकर सैकड़ों हेक्टेयर तक खेती करने वाले किसानों को नई खेती की पहल योजना से जोड़ा जाएगा। जिसमें उन्हें भांग की खेती की बारीकियां बताई जाएंगी। सगंध पौधा केंद्र सेलाकुई देहरादून को इसका नोडल विभाग बनाया गया है। भांग की खेती से किसानों को एक और बड़ा फायदा होगा। उन्हें अपने खेतों की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। भांग के पौधों को जंगली जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते, जिससे उपज सुरक्षित रहेगी। सगंध पौधा केंद्र से पहले ही तमाम किसान जुड़े हुए हैं। ऐसे में केंद्र के भांग की खेती की तरफ कदम बढ़ाए जाने से प्रदेश के हजारों किसान लाभान्वित होंगे। भांग की खेती की ट्रेनिंग देने के साथ ही उपज की बिक्री की व्यवस्था भी सगंध पौधा केंद्र ही करेगा। इस वक्त प्रदेश में भांग के रेशों से कई तरह के उत्पाद बनाए जा रहे, जिससे हस्तशिल्प को बढ़ावा मिल रहा है।

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प्रदेश में कई जगह भांग की खेती के लिए लाइसेंस भी जारी कर दिए गए हैं। उत्तराखंड में भांग की खेती के लिए नियम, विनियम और उपनियम बनाने की कवायद शुरू हो गई है। प्रयास ये है कि प्रदेश में बंजर पड़ी जमीन के अलावा पॉलीहाउस में भांग की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। इससे किसानों की आर्थिकी मजबूत होगी। इन दिनों वैश्विक स्तर पर औषधीय उपयोग के लिए भांग की डिमांड बढ़ने लगी है। जिसके चलते राज्य सरकार भी इंडस्ट्रियल हैंप को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयासरत है। राज्य में भांग की खेती, इसका मैकेनिज्म और इससे होने वाले लाभ समेत सभी पहलुओं का आंकलन किया जा रहा है।