उत्तराखंड देहरादूनDehradun police arrested vicious thugs

देहरादून: खुद को SDM बताकर कई लोगों को ठगा..PCS परीक्षा भी दे चुका है ये सुपरठग

खुद को एसडीएम बता कर लोगों को ठगने वाले एक आरोपी को पुलिस ने बीते सोमवार को देहरादून से अपनी गिरफ्त में ले लिया है।

Dehradun News: Dehradun police arrested vicious thugs
Image: Dehradun police arrested vicious thugs (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के दून से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसको सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दून से एक बड़ा आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। खुद को एसडीएम बता कर लोगों को ठगने वाले एक आरोपी को पुलिस ने बीते सोमवार को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। आरोप है कि पुलिस ने जिस युवक को गिरफ्तार किया है वह युवक खुद को एसडीएम बता कर लोगों को फंसाता था और उनसे पैसे ऐंठता था। आरोप है कि युवक ने देहरादून के एक व्यक्ति से फर्जी एसडीएम बन कर 15 लाख रुपए हड़प लिए थे। वहीं युवक का आरोपी ड्राइवर अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया है। पुलिस गंभीरता से इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने बताया कि आरोपी अश्विनी कुमार श्रीवास्तव इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट है। अश्विनी ने पुलिस को बताया कि उसने 1991 में यूपी की मेंस की परीक्षा दी थी, मगर इस बात पर यकीन करना मुश्किल है। चलिए आपको बताते हैं कि आरोपी युवक आखिर पुलिस के हत्थे चढ़ा कैसे।

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एसएसपी डॉ योगेंद्र सिंह रावत के अनुसार 2 दिन पहले देहरादून के सौरभ बहुगुणा ने अश्विनी कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी थी। सौरभ बहुगुणा ने पुलिस को बताया कि अश्वनी ने खुद को एसडीएम बताकर उनको जमीन दिलाने के नाम पर उनसे 15 लाख रुपए की ठगी कर ली है, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत ही इस मामले में एक्शन लिया और एसपी सिटी श्वेता चौबे की निगरानी में प्रेम नगर पुलिस और एसओजी ने मिलकर आरोपी को बीते सोमवार को सुद्धोवाला से पकड़ लिया। आरोपी अश्विनी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने कबूला कि उसने उसके साथी पंकज के साथ नकली एसडीएम बनने का खेल रचा और भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसाया। सौरव बहुगुणा ने बताया कि उनका जमीनी विवाद चल रहा था जिसके बाद अश्विनी के ड्राइवर ने सौरभ से कहा कि वह एसडीएम अश्वनी का ड्राइवर है और वे इस काम में उनकी मदद कर सकते हैं। इसके बाद पंकज ने सौरव बहुगुणा की मुलाकात अश्विनी से कराई और अश्विनी ने पूरी बात 20 लाख रुपए में तय की। इसके बाद सौरभ बहुगुणा ने 15 लाख रुपए अश्विनी और पंकज को दे दिए जिसमें से अश्विनी ने अपने पास 5 लाख रुपए रखे और 10 लाख रुपए पंकज शर्मा को दे दिए।

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अश्विनी को एसडीएम समझकर 15 लाख रुपए देने के बाद जल्द ही सौरभ बहुगुणा को अपने साथ हुई इस धोखाधड़ी के बारे में भनक लग गई जिसके बाद बिना देरी किए उसने पुलिस में शरण ली। इस पूरे मामले का पता लगते ही पुलिस ने बिना देरी किए तुरंत एक्शन दिया और पुलिस ने आखिरकार आरोपी अश्विनी कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से 2 लाख रुपए नकद बरामद किए हैं। साथ ही एटीएम कार्ड और मोबाइल फोन आदि भी बरामद हुआ है। दूसरा आरोपी पंकज शर्मा जो कि फर्जी एसडीएम का फर्जी ड्राइवर बंद कर लोगों से झूठ बोलकर ऐंठता था, अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा है और पुलिस उसकी खोजबीन में जुट गई है। इन दोनों के साथ अक्सर एक लेखपाल भी रहता है जिसकी तलाश पुलिस कर रही है। पुलिस फर्जी एसडीएम अश्विनी के फर्जी ड्राइवर पंकज कुमार और लेखपाल को ढूंढने में जुट गई है। एसएसपी ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है।।इस पूरे स्कैम में और कितने लोग जुड़े हैं इस बारे में भी तलाश की जा रही है। पुलिस और लोगों से भी संपर्क साधने का प्रयास कर रही है जिनसे इन लोगों ने नकली एसडीएम बनकर धोखाधड़ी से पैसे हड़पे थे।