उत्तराखंड रुद्रप्रयागDead pigeon in Rudraprayag Agastyamuni

बर्ड फ्लू: रुद्रप्रयाग और अगस्त्यमुनि में मृत मिले कबूतर..खतरे का संकेत

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में आज दो कबूतर मृत मिले। वहीं अगस्त्यमुनि में भी एक कबूतर और एक कौवा मृत मिला है। बर्ड फ्लू को देखते हुए देहरादून चिड़ियाघर प्रशासन भी अलर्ट हो गया है।

Rudraprayag Bird Flu: Dead pigeon in Rudraprayag Agastyamuni
Image: Dead pigeon in Rudraprayag Agastyamuni (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में बर्ड फ्लू तेजी से फैल रहा है और बर्ड फ्लू की दहशत के बीच में प्रदेश में पक्षियों के मृत मिलने का सिलसिला भी जारी है। पहाड़ से लेकर मैदान तक पक्षी दम तोड़ रहे हैं जो कि बेहद चिंताजनक है। पशुपालन विभाग भी बेहद चिंता में आ रखा है। उत्तराखंड समेत देश के कई राज्य में फैली हुई बर्ड फ्लू की बीमारी को रोकने के अथक प्रयास प्रशासन द्वारा किए जा रहे हैं मगर पक्षियों के मरने का सिलसिला थमता दिखाई नहीं दे रहा है। हाल ही में उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में आज दो कबूतर मृत मिले। वहीं अगस्त्यमुनि में भी एक कबूतर और एक कौवा मृत मिला है जिसके बाद पशुपालन विभाग सक्रिय हो गया है। विभाग के अधिकारियों ने मृत पक्षियों के सैंपल जांच के लिए भेज दिए हैं और आसपास के इलाके को सैनिटाइज भी करवा दिया है। पक्षियों के मृत मिलने का सिलसिला उत्तराखंड में लगातार जारी है जो कि प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा रहा है।

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वहीं दून चिड़ियाघर में भी देशी-विदेशी पक्षियों को इस बीमारी से बचाने के लिए चिड़ियाघर प्रशासन अलर्ट हो रखा है और प्रशासन की ओर से कई जरूरी कदम भी उठाए जा रहे हैं। दून चिड़ियाघर में शुतुरमुर्ग, अफ्रीकन ग्रे, मोर, उल्लू, समेत 25 से भी अधिक देशी-विदेशी प्रजातियों के पक्षियों में बर्ड फ्लू की बीमारी ना फैल पाए इसके लिए चिड़ियाघर प्रशासन अलर्ट हो रखा है और प्रशासन की ओर से पक्षियों के बाड़ों में ग्रीन शीट भी लगाई गई हैं। वन क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह रावत का कहना है कि बर्ड फ्लू की बीमारी तेजी से फैल रही है और यह चिड़ियाघर में ना फैले इसको देखते हुए चिड़ियाघर के सभी देशी-विदेशी पक्षियों को सुरक्षित बचाना हमारी जिम्मेदारी है और यह बहुत बड़ी चुनौती का काम भी है।

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इसी को देखते हुए देहरादून चिड़ियाघर में प्रशासन अलर्ट हो गया है और चिड़िया घर में मौजूद पक्षियों को बचाने के लिए पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि चिड़ियाघर के कोई भी पक्षी अन्य प्रजातियों के पक्षियों के संपर्क में ना आएं। पक्षियों के बाड़ों में ग्रीन शीट भी लगा दी गई है और साथ में जाल भी लगा दिए गए हैं। साथ ही बाड़ों के पास कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह रावत का कहना है कि फिलहाल चिड़ियाघर के पक्षियों में बर्ड फ्लू की बीमारी का कोई भी खतरा नहीं है मगर इसके बावजूद भी चिड़ियाघर प्रशासन तमाम सावधानियां बरत रहा है। वहीं पर्यटकों को भी चिड़ियाघर में घूमते समय सावधानी बरतने के लिए कहा जा रहा है।