उत्तराखंड देहरादूनBird flu in uttarakhand

बर्ड फ्लू: उत्तराखंड में अब तक 871 पक्षियों की मौत..सावधान रहें

बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद प्रदेश में अब तक 871 पक्षियों की मौत हो चुकी है। मरने वाले पक्षियों में सबसे ज्यादा संख्या कौवों की है।

Bird flu uttarakhand: Bird flu in uttarakhand
Image: Bird flu in uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: प्रदेश में कौओं की मौत से शुरू हुए बर्ड फ्लू संक्रमण का दायरा बढ़ रहा है। कोटद्वार और देहरादून जनपद के बाद अब हरिद्वार जनपद में भी बर्ड फ्लू ने दस्तक दी है। सूबे के अलग-अलग हिस्सों में पक्षियों के मरने का सिलसिला रुक नहीं रहा। प्रदेश में अब तक 871 पक्षियों की मौत हो चुकी है। जिनमें सबसे ज्यादा कौवे हैं। प्रदेश में अब तक 754 कौवों की मौत हुई है। जगह-जगह से कौवों और दूसरे पक्षियों के मरने की खबरें आ रही हैं, जिससे दहशत का माहौल बना है। हालांकि पिछले चार दिन से पक्षियों की मौत के मामलों में कमी आई है। मंगलवार को प्रदेश में कुल 49 पक्षियों की मौत हुई। जिनमें 37 कौवे हैं। मंगलवार को देहरादून वन प्रभाग में 32 कौवे मृत पाए गए। पक्षियों की मौत के मामले में कमी जरूर आई है, लेकिन वन विभाग की मुश्किलें अभी कम नहीं हुई हैं। राहत वाली बात ये है कि फिलहाल उत्तराखंड का पोल्ट्री सेक्टर सेफ है। प्रदेश के किसी भी पोल्ट्री फॉर्म में बर्ड फ्लू के संकेत नहीं मिले हैं। हालांकि एहतियात के तौर पर सभी पक्षियों की निगरानी और सैंपलिंग की जा रही है।

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चलिए आपको प्रदेश में अब तक मृत मिले पक्षियों की संख्या के बारे में बताते हैं। प्रदेश में अब तक 871 पक्षी मृत मिले हैं। जिनमें सबसे ज्यादा तादाद कौवों की है। अब तक 754 कौवे मृत मिले हैं। वहीं 54 कबूतर, 08 मैना, 07 उल्लू, 06 हेरॉन, 05 हॉर्नबिल, 04 मोर, 04 स्पॉटेड डॉव, 03 गौरेया और 2 चील भी मृत पाए गए। प्रदेश में 2 बत्तख, 02 तोता, 02 ब्ल्यू व्हिशलिंग थ्रश और 02 पैराकीट भी मृत मिले हैं। अन्य पक्षियों की संख्या करीब 16 है। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी ने बताया कि पक्षियों की मौत के मामलों में कुछ गिरावट आई है, लेकिन वन विभाग पूरी तरह सतर्क है। मृत पक्षियों को डिस्पोज करने का काम किया जा रहा है। केंद्र की गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जा रहा है। दून में पोल्ट्री फॉर्म की कड़ी निगरानी की जा रही है। फिलहाल किसी डोमेस्टिक बर्ड में फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है। पक्षियों की निगरानी के बीच कंट्रोल रूम में उनसे जुड़ी हर तरह की सूचनाएं जुटाई जा रही हैं।