उत्तराखंड पिथौरागढ़Story of pithoragarh tara devi

उत्तराखंड: पहले हुई पति की मौत, अब मकान जलकर राख..3 बेटियों संग बेघर हुई मां

एक तो पति को खोने का गम, उस पर अब तारा देवी के पास सिर छिपाने के लिए कोई आसरा भी नहीं रहा। तारा के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। सोचिए इस कड़ाके की ठंड में वो अपने बच्चों को लेकर कहां जाएगी।

Pithoragarh news: Story of pithoragarh tara devi
Image: Story of pithoragarh tara devi (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: एक घर सिर्फ चार दीवारों का ढांचा भर नहीं होता। ये किसी के सपने होते हैं, कई जिंदगियों का आसरा होता है। जिस घर में हमारा, हमारे अपनों का बचपन गुजरता है, जिसे हम अपने हाथों से संवारते हैं, सोचिए जब वो घर हमारी नजरों के आगे धू-धू कर जलने लगे तो कलेजे पर क्या गुजरती होगी। इस दर्द को पिथौरागढ़ में रहने वाली तारा देवी से बेहतर भला कौन समझ सकता है। तारा देवी वो महिला है, जिसने 11 दिन पहले अपने पति को खो दिया। पति मेहनत-मजदूरी करता था। एक तो पति को खोने का गम, उस पर अब तारा देवी के पास सिर छिपाने के लिए कोई आसरा भी नहीं रहा। तारा के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। सोचिए इस कड़ाके की ठंड में वो अपने बच्चों को लेकर कहां जाएगी..तारा देवी बेरीनाग के नागिला गांव में रहती है। बुधवार देर रात तारा देवी के घर में अचानक आग लग गई। शोरगुल होने पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और आग बुझाने में जुट गए। तभी घर के भीतर रखा सिलेंडर फट गया, जिसके बाद आग ने विकराल रूप ले लिया।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: खत्म हुआ सरकारी नौकरी का इंतजार..इन विभागों में निकली बंपर भर्तियां
आग के चलते घर में रखा सामान तो जला ही गौशाला में बंधी 9 बकरियां और एक बैल भी जिंदा जल गए। एक भैंस और गाय झुलस गई है। हादसे की सूचना मिलने पर प्रशासन ने राजस्व टीम को मौके पर भेजा, लेकिन तब तक सबकुछ जलकर राख हो चुका था। पति की मौत और अब घर जल जाने के बाद तारा देवी सदमे में है। 11 दिन पहले तारा देवी के पति मोहन चन्द्र जोशी का बीमारी के कारण निधन हो गया था। तारा की तीन बेटियां हैं। बड़ी बेटी विद्या 9 साल की है। जबकि छोटी बेटी काव्या 7 साल और भावना एक साल की है। तारा देवी के पति मेहनत मजदूरी और बकरी पालन से परिवार का भरण पोषण करते थे। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की। राज्य समीक्षा के माध्यम से हम भी जनप्रतिनिधियों और समाजसेवी संगठनों से तारा देवी की मदद की अपील करते हैं। दुख की इस घड़ी में तारा देवी और उनकी बेटियों को मदद की जरूरत है। जितना संभव हो इस परिवार की मदद करें।