उत्तराखंड देहरादूनDehradun included in top 5 districts in cyber crime

साइबर क्राइम: अब देहरादून देश के टॉप 5 जिलों में शामिल, हर दिन 5 लोग हो रहे हैं ठगी के शिकार

वैसे तो साइबर ठगी के मामले पूरे प्रदेश में सामने आ रहे हैं, लेकिन देहरादून में स्थिति ज्यादा भयावह है। यहां हर दिन पांच लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं।

dehradun cyber crime: Dehradun included in top 5 districts in cyber crime
Image: Dehradun included in top 5 districts in cyber crime (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस साइबर अपराधियों पर अंकुश लगाने का भरसक प्रयास कर रही है, इसके बावजूद साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते दिनों किसी ने डीजीपी की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर मैसेंजर के जरिये लोगों से पैसे मांगे। वैसे तो साइबर ठगी के मामले पूरे प्रदेश में सामने आ रहे हैं, लेकिन देहरादून में स्थिति ज्यादा भयावह है। यहां हर दिन पांच लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। साइबर क्राइम के मामले में देहरादून देश में 5वें नंबर पर पहुंच गया है। पूरे उत्तराखंड में ठगी गई रकम की बात करें तो 22 महीनों में यहां के लोगों ने 1.72 करोड़ रुपये गंवाए। केंद्रीय गृह मंत्रालय के पोर्टल साइबर सेफ की रिपोर्ट में देहरादून को देशभर के टॉप 5 जिलों में जगह मिली है। जाहिर है ऐसा रिकॉर्ड कोई नहीं बनाना चाहेगा। यहां हर दिन औसतन पांच लोग अपनी गाढ़ी कमाई ठगों के चंगुल में फंसा रहे हैं। 1 अगस्त 2019 से 31 मई 2021 तक के बीच दून जिले में 3056 लोग साइबर ठगी का शिकार हुए। आगे पढ़िए

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इस लिस्ट में पहला नंबर हैदराबाद का है, जहां 11 हजार से ज्यादा केस रिपोर्ट हुए हैं। पूरे उत्तराखंड की बात करें तो बीते 22 महीनों में यहां के लोगों ने 1.72 करोड़ रुपये ठगों को दिए हैं। हालांकि राहत वाली बात ये है कि कई मामलों में एसटीएफ और साइबर पुलिस ने लोगों को करीब 50 लाख रुपये वापस भी कराए हैं। प्रदेश में कई ठगों की गिरफ्तारी भी हुई है। उत्तराखंड पुलिस साइबर क्राइम के खिलाफ कार्रवाई में देश के टॉप 4 राज्यों में शामिल है। इसका श्रेय काफी हद तक उत्तराखंड एसटीएफ को जाता है। एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि हमने संदिग्ध ठगों के 3500 से ज्यादा फोन नंबर और खाते नंबरों को नेगेटिव लिस्ट में डालते हुए पोर्टल पर अपलोड किया है। पोर्टल के माध्यम से जालसाजों की हर हरकत पर नजर रखी जाती है। खैर, पुलिस तो अपना काम कर ही रही है, लेकिन आप भी अपनी जिम्मेदारी निभाएं। किसी से अपने बैंक अकाउंट और अन्य खातों की डिटेल शेयर न करें। संदिग्ध नंबरों से कॉल आने पर पुलिस को सूचना दें।