उत्तराखंड टिहरी गढ़वालPromotion of retired teacher in Tehri Garhwal

उत्तराखंड शिक्षा विभाग में गजब हो रहा है, रिटायर हो चुके शिक्षक का कर दिया प्रमोशन

शिक्षा विभाग ने टिहरी जिले के एक शिक्षक को पदोन्नत कर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में तैनाती दे दी, लेकिन जिस शिक्षक को प्रमोट किया गया, वो पांच महीने पहले ही रिटायर हो चुके हैं।

Tehri Garhwal Teacher: Promotion of retired teacher in Tehri Garhwal
Image: Promotion of retired teacher in Tehri Garhwal (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: खबर टिहरी गढ़वाल से है। जहां शिक्षा विभाग ने सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षक का प्रमोशन कर दिया। शिक्षक को पदोन्नत कर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में तैनाती दे दी गई, लेकिन हैरानी वाली बात ये है कि जिस शिक्षक को प्रमोट किया गया, वो पांच महीने पहले ही रिटायर हो चुके हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजिमी है। रिटायर शिक्षक को प्रमोशन देने के बाद शिक्षा विभाग के प्रमोशन के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं, तो वहीं विभागीय अधिकारियों ने इसे शासन स्तर का मामला बताकर पल्ला झाड़ लिया है। दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक मामला भिलंगना विकासखंड का है। यहां राजकीय इंटर कॉलेज केमरा में मोहर सिंह निरंजन शिक्षक के तौर पर सेवाएं दे रहे थे। लंबे समय तक सेवाएं देने के बाद 5 महीने पहले वो अपनी इच्छा से सेवानिवृत्त हो गए। 2 फरवरी को उन्होंने उच्च अधिकारियों को सेवानिवृत्ति संबंधी पत्र भी भेज दिया था।

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इस पत्र पर विभाग ने स्वीकृति की मुहर लगाई और 31 मार्च 2021 को उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया। मोहर सिंह निरंजन रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी का लुत्फ उठा रहे थे, कि तभी कुछ दिन पहले पता चला कि विभाग ने उन्हें प्रमोट कर दिया है। दरअसल शिक्षा विभाग ने 23 जुलाई 2021 को पूरे प्रदेश में अध्यापकों के प्रमोशन की लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में मोहर सिंह निरंजन का भी नाम है। रिटायर हो चुके मोहर सिंह को टिहरी के राउमवि कंथर में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनाती देने की बात लिखी है। अब ये मामला शिक्षा विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। हर कोई यही पूछ रहा है कि शासन स्तर पर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो सकती है। क्या शिक्षा विभाग के अधिकारी लिस्ट को बिना जांचे-परखे सिर्फ आगे सरकाने का काम कर रहे हैं। वहीं इस बारे में जब खंड शिक्षा अधिकारी भुवनेश्वर प्रसाद जदली से बात की गई, तो उन्होंने इसे शासन स्तर का मामला बताते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।