उत्तराखंड पिथौरागढ़Pithoragarh Two brothers set up ice cream industry Sellers Navik brand

पहाड़ के दो भाइयों का एक आईडिया हुआ सुपरहिट, स्वरोजगार से कमा रहे हैं लाखों

पहाड़ के दो भाईयों ने सेलर्स (नाविक) ब्रांड नाम से आइसक्रीम उद्योग स्थापित कर नामचीन आइसक्रीम कंपनियों को टक्कर देने का साहस किया है। आगे जानिए इनकी सफलता की कहानी

Pithoragarh ice cream industry: Pithoragarh Two brothers set up ice cream industry Sellers Navik brand
Image: Pithoragarh Two brothers set up ice cream industry Sellers Navik brand (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: पलायन से मुकाबला करना है तो पहाड़ियों को आत्मनिर्भर बनना होगा। देर से ही सही यहां के युवा अब इस बात को समझने लगे हैं। वो रोजगार के लिए महानगरों में धक्के खाने के बजाय पहाड़ में रहकर ही स्वरोजगार से सफलता का सफर तय कर रहे हैं। पिथौरागढ़ में रहने वाले तिलक पंत और उनके भाई ललित पंत ऐसे ही जुझारू युवाओं में शामिल हैं। इन दोनों भाइयों ने जिला मुख्यालय में सेलर्स नाविक ब्रांड नाम से आइसक्रीम उद्योग स्थापित कर नामचीन आइसक्रीम कंपनियों को टक्कर देने का साहस किया है। सिर्फ पिथौरागढ़ ही नहीं चंपावत और अल्मोड़ा में भी आइसक्रीम का कारोबार जमकर फलफूल रहा है। इस कारोबार से दोनों भाई सालाना 1.5 लाख रुपये से अधिक कमा रहे है। साथ ही 20 लोगों को रोजगार भी मुहैय्या कराया है। तिलक पंत और ललित पंत जाखपंत गांव के रहने वाले हैं।

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तिलक भारतीय नौसेना में इंजन मैकेनिक के पद पर सेवा दे चुके हैं। साथ ही उन्होंने दिल्ली से रिटेल मैनेजमेंट का कोर्स भी किया है। मुंबई चौपाटी में कुल्फी के कारोबार को देख उन्होंने 9 साल पहले घर से ही रबड़ी की कुल्फी बनाने का काम शुरू किया। उद्योग विभाग ने भी मदद की। जब कुल्फी की मांग बढ़ने लगी तो उन्होंने कई प्रकार की आइसक्रीम बनाना शुरू कर दिया। 4 साल तक वो अकेले काम करते रहे। बाद में उन्होंने छोटे भाई ललित को भी कारोबार में शामिल कर लिया। तिलक प्रोडक्शन का काम संभालते हैं, जबकि उनके भाई ललित मार्केटिंग का काम देखते हैं। आज उनकी फैक्ट्री में 25 से अधिक प्रकार की आइसक्रीम भारी पैमाने पर तैयार की जा रही हैं। दूसरे जिलों में भी सेलर्स आइसक्रीम की भारी डिमांड है। यही वजह है कि तिलक और ललित पंत अब उद्योग को विस्तार देने की कवायद में जुटे हैं। ताकि बड़ी कंपनियों को टक्कर देने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया जा सके।