उत्तराखंड टिहरी गढ़वालBus driver saved 14 lives in Tehri Garhwal

गढ़वाल के इस बस ड्राइवर को सलाम..14 लोगों की जान बचाई, खुद मौत के मुंह में समाया

बस चालक की सूझबूझ के चलते टिहरी जिले के चंबा में बस में सवार 14 लोगों की जान तो बच गई मगर खुद बस चालक की मृत्यु हो गई।

Tehri Garhwal News: Bus driver saved 14 lives in Tehri Garhwal
Image: Bus driver saved 14 lives in Tehri Garhwal (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: टिहरी जिले में बीते शुक्रवार एक बस चालक की सूझबूझ से एक बड़ी सड़क दुर्घटना होने से बच गई। बस में बैठी सवारियों की जान तो बच गई मगर बस चालक ने खुद अपनी जान गंवा दी। अपने जीवन के अंतिम क्षण में भी वाहन चालक ने 14 सवारियों की जान बचाई और फिर दुनिया से विदा लिया। चलती बस में बस चालक को अचानक ही हार्ट अटैक पड़ गया मगर उसने अपनी सूझबूझ दिखाते हुए बस को सड़क के किनारे रोक दिया जिससे बस में सवार सवारियों की जान तो बच गई मगर चालक को नहीं बचाया जा सका। यह बस टिहरी जिले के चंबा से ऋषिकेश की ओर आ रही थी। हादसा बीते शुक्रवार की शाम का बताया जा रहा है। बीते शुक्रवार का दिन बस में बैठे उन 14 सवारियों के लिए कभी ना भुला देने वाला दिन साबित हुआ। अगर जरा सी लापरवाही हो जाती या चालक अपनी सूझबूझ से काम नहीं लेता तो एक बड़ा हादसा हो जाता। आगे पढ़िए

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मगर चालक की सूझबूझ के चलते 14 सवारियों की जान बचाने के लिए उन्होंने हार्ट अटैक में भी पहले बस में लोगों की जान की फिक्र की और बस को सुरक्षित साइड में रोका। चलिए अब हम आपको पूरी घटना से अवगत कराते हैं। डीजीएमओ यानी कि टिहरी गढ़वाल मोटर ऑनर्स कंपनी की एक बस हाल ही में बीते शुक्रवार को चंबा से ऋषिकेश की ओर जा रही थी और 36 वर्षीय विजय जोशी बस को चला रहे थे। डीजीएमओ के अध्यक्ष बलवीर सिंह रौतेला ने बताया कि बस के अंदर 14 सवारियां सवार थीं। चंबा से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर पहाड़ के रास्ते पर एकाएक विजय जोशी के सीने में बहुत तेज दर्द होने लगा और सीने में तेज दर्द होने की वजह से बस अनियंत्रित हो गई। वहीं उन्होंने सूझबूझ दिखाते हुए सबसे पहले बस का ब्रेक लगाकर बस को सड़क के किनारे खड़ा कर दिया और इसके बाद वह अपनी सीट पर ही बेहोश हो गए।

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कंडक्टर की मदद से विजय जोशी को एम्स ऋषिकेश के लिए रवाना किया गया और बस के यात्रियों को दूसरी बसों से भेजा गया। एम्स में वाहन चालक विजय जोशी को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया गया। वाहन चालक विजय जोशी ने अपने जीवन की आखिरी घड़ी में भी अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए सवारियों को सकुशल बचा लिया। अगर जरा सी लापरवाही हो जाती तो बस में सवार 14 जिंदगियों की जान भी रिस्क में आ सकती थी, मगर बस चालक ने सबसे पहले बस को किनारे में खड़ा किया और उसके बाद उनकी हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। शनिवार को ऋषिकेश में डीजीएमओ मुख्यालय में चालक। विजय जोशी को श्रद्धांजलि दी गई पीजीएमओ के अध्यक्ष ने बताया कि बस चालक विजय जोशी ने मरते-मरते भी कई लोगों की जान बचाई है और उनका यह बलिदान सदैव याद किया जाएगा।